नेशन अलर्ट.
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रायपुर.
प्रदेश में 28 सौ करोड़ रूपए का शराब ( आबकारी ) घोटाला कथित तौर पर होने का मामला इन दिनों गरमाया हुआ है. मामला तब उठा था जब जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के विधायक धरमजीत सिंह ने विधानसभा सत्र में इस पर सवाल दाग दिया.
दरअसल मामले की तह तक जाइए तो कई तरह की चीजें नजर आती है. धरमजीत सिंह ने अपने सवाल में कहा था कि विगत चार साल में आबकारी से हुई आय के दस हजार करोड़ रूपए बंदरबांट करके इधर उधर कर दिए गए.
बेची अधिक की, जमा हुई कम रकम
बताया जाता है कि 11 हजार 28 करोड़ रूपए की शराब प्रदेश में बिक चुकी है लेकिन कोषालय में इतनी राशि जमा नहीं कराई गई.
धरमजीत के सवाल पर दिए गए उत्तर में आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने जो कहा वह आश्चर्यजनक है. उनका जवाब था कि 28 सौ 56 करोड़ रूपए परिवहन व स्टाफ के वेतन में खर्च कर दिए गए.
यदि इसे सहीं मान भी लिया जाए तो धरमजीत का प्रति प्रश्र काबिले गौरतलब है. उन्होंने सरकार से फिर जानना चाहा था कि जब यह सरकार की आय थी तो आपने इसे कैसे अन्य मद में खर्च कर दिया.
उन्होंने सीधे तौर पर गड़बड़ी का आरोप लगा दिया. धरमजीत ने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की थी कि वह इस विषय की जांच करा ले. उनका कहना था कि विभाग के ही अधिकारियों ने 29 सौ करोड़ रूपए गबन कर दिए हैं.
मामला कुछ ऐसा है कि सरकार ने 11 हजार 28 करोड़ रूपए की शराब बेची थी. लेकिन कोषालय में महज 8 हजार 225 करोड़ रूपए जमा हुए थे. 2 हजार 856 करोड़ रूपए आखिर गए कहां इस विषय पर जांच तो होनी ही चाहिए.
विगत 22 महीनों से इसका हिसाब सरकारी अधिकारी ढूंढ नहीं पाए हैं. यदि विधानसभा अध्यक्ष मामले की जांच कराते हैं तो मामले में कई तरह के चौंकाने वाले तथ्य उजागर हो सकते हैं.
( आने वाले दिनों में नेशन अलर्ट इस विषय पर और खुलासे करेगा ).