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नई दिल्ली/रायपुर.
छत्तीसगढ़ पुलिस में हुई एक पद स्थापना का मसला दस जनपद तक पहुंच गया है. आईपीएस हिमांशु गुप्ता को इंटेलीजेंस चीफ बनाए जाने के खिलाफ कांग्रेस के ही आला पदाधिकारियों ने श्रीमति सोनिया गांधी से गोहार लगाई है. उनका कहना है कि जो अफसर कांग्रेस की एक पीढ़ी को खत्म करने वाले झीरम कांड का दागी अधिकारी रहा है उसे क्यूंकर इस तरह की जिम्मेदारी दी गई.
उल्लेखनीय है कि झीरमकांड को कांग्रेस भुलाए नहीं भूल सकती है. बस्तर की झीरम घाटी में नक्सलियों ने इस कदर उत्पात मचाया था कि कांग्रेस की राष्ट्रीय से लेकर राज्य स्तर तक के नेता मारे गए थे.
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तब के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल सहित पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष व बस्तर टाइगर के नाम से प्रसिद्ध महेंद्र कर्मा, बस्तर के तत्कालीन प्रभारी उदय मुदलियार के अलावा कई छोटे बड़े कांग्रेसियों को अपना खून न्यौछावर करना पड़ा था.
तब बस्तर आईजी हुआ करते थे हिमांशु
जब यह घटना घटी तब हिमांशु गुप्ता बस्तर आईजी के पद पर पदस्थ थे. उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती थी कि वह कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को पूर्णरूपेण सुरक्षा प्रदान करवाते लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
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हालांकि दबाव बढऩे पर प्रदेश के तत्कालीन भाजपा सरकार ने हिमांशु गुप्ता को बस्तर आईजी के पद से हटा दिया था. लेकिन इसके बावजूद वह फिर सरगुजा आईजी बनकर पावरफुल हो गए थे.
इसके बाद जैसे ही चुनाव में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी वैसे ही हिमांशु गुप्ता की निकल पड़ी. उन्हें सर्वप्रथम उस दुर्ग रेंज का आईजी बनाकर पदस्थ किया गया जिस रेंज से प्रदेश के गृहमंत्री व मुख्यमंत्री आते हैं.
इसके बावजूद कांग्रेस के भीतर कोई बवाल नहीं मचा. लेकिन अब मचने लगा है. क्यूंकर ऐसा हुआ कि असंतुष्ट कांग्रेसी आईपीएस हिमांशु गुप्ता के नाम से नाक भौंह सिकोड़ रहे हैं? इसके पीछे का जो कारण है वह झीरम घाटी कांड से ही जुड़ा हुआ है.
सोनिया से हस्तक्षेप की मांग
नाम नहीं छापने की शर्त पर प्रदेश के एक वरिष्ठ कांग्रेसी ने बताया कि हिमांशु गुप्ता जैसे दागदार अफसर को सारा किंतु-परंतु भूलाकर प्रदेश की खुफिया पुलिस की कमान सौंपना समझ से परे है. वह कहते हैं कि इस मामले में कहीं न कहीं कुछ न कुछ दाल में काला है.
इस कांग्रेसी पदाधिकारी के बताए मुताबिक मामला अब दाई के दरबार तक पहुंच गया है. विगत दिनों प्रदेश के आला कांग्रेसियों ने आईपीएस हिमांशु गुप्ता को इंटेलीजेंस विंग में पदस्थ किए जाने की कांग्रेस की राष्ट्रीय अंतरिम अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी से शिकायत की थी.
बताया तो यह तक जाता है कि श्रीमति गांधी से हिमांशु गुप्ता की शिकायत करने के दौरान कांग्रेसियों ने प्रदेश सरकार में चल रही एक दो अधिकारियों की ही पूछ परख पर भी सवाल उठाए हैं. इनमें एक मोहतरमा हैं और दूसरे प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं.
सूत्र बताते हैं कि इन्हीं दोनों की इच्छा के अनुरूप आईपीएस हिमांशु गुप्ता को प्रदेश सरकार ने खुफिया शाखा सौंपी है.
अब देखना यह है कि मामला क्या रंग लाता है? लेकिन इतना तय है कि हिमांशु गुप्ता के साथ राज्य सरकार का यह फैसला सोनिया के दरबार में विवादित हो चला है