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रायपुर .
पीला सोना यानि कि धान की खरीदी को लेकर सर्दियों में छत्तीसगढ़ का राजनीतिक माहौल गरमा रहा है. कांग्रेस-भाजपा जैसी पार्टी इस मुद्दे पर अब आमने सामने हो गई हैं. कांग्रेस ने जहां दिल्ली कूच की तैयारी तेज कर दी है वहीं भाजपा ने जेल भरो आंदोलन का आह्वान किया है.
दरअसल मुद्दे की शुरूआत तब हुई जब प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सेंट्रल पुल में धान खरीदी करने का आह्वान किया था. केंद्र ने समर्थन मूल्य से अधिक राशि पर धान खरीदे जाने पर उसे लेने से इंकार कर दिया है.
इस विषय के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आक्रामक हो चले हैं. वह कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र अनुसार 2500 रूपए क्विंटल में हर हाल में धान खरीदने की बात कर रहे हैं.
इधर भाजपा यह कहती रही है कि धान खरीदी के मसले पर कांग्रेस किसानों को बरगला रही है. उसकी ओर से कांग्रेस पर यह आरोप भी लगाया गया है कि वह धान खरीदी से पीछे हट रही है.
राज्य के मुख्यमंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री इस विषय पर रोजाना सोशल मीडिया पर एक दूसरे पर प्रहार कर रहे हैं. भूपेश बघेल ने यह कहकर मामले को गरमा दिया है कि भाजपा में बिखराव की स्थिति है. भाजपा का चाल चरित्र चेहरा उजागर हो गया है.
जान से मारने की धमकी दी जाती है
बघेल यहीं पर नहीं रूके. उन्होंने यह कहकर भाजपा को निशाने पर लिया है कि उनकी पार्टी में जान से मारने की धमकी दी जाती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी दलों से निवेदन है. भगवान उन्हें सदबुद्धि दे और किसानों के साथ खड़े हो.
रमन ने किया पलटवार
मुख्यमंत्री के इस तरह के आरोप पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पलटवार किया है. उन्होंने भाजपा को राजनीतिक दृष्टि से प्रजातांत्रिक दल बताया है.
भाजपा में हो रही गुटबाजी और बिखराव की स्थिति को लेकर उनका कहना था कि ऐसी कोई बात नहीं है. संगठन चुनाव हो चुके हैं. कहीं पर यदि शिकायत है तो उसका निराकरण होगा.
किसी कार्यकर्ता को जान से मारने की धमकी नहीं दी गई है. रमन ने यह भी कहा कि ऐसी कोई जानकारी नहीं है. यदि ऐसा हुआ होगा तो जानकारी दी जाएगी.
रमन ने उल्टे बघेल को यह कहते हुए नसीहत दी है कि मुख्यमंत्री जी अभी दिमाग ठंडा रखने का अवसर है. धान खरीदी को लेकर आपने जो वायदा किया था उसे पूरा करने का अवसर है. इतनी जल्दी किसी बातों में उत्तेजित होने की जरूरत नहीं है.