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रायपुर.
आईपीएस राहुल शर्मा आत्महत्या प्रकरण की गुत्थी भले ही पूरी तरह अब तक न सुलझी हो लेकिन उन्हें न्याय दिलाने की जिम्मेदारी सोशल मीडिया ने उठा रखी है. अब सवाल इस बात का उठता है कि सोशल मीडिया किस तरह आईपीएस राहुल शर्मा को न्याय दिला पाएगा.
उल्लेखनीय है कि बिलासपुर एसपी रहे आईपीएस राहुल शर्मा ने 12 मार्च 2012 को पुलिस ऑफिसर्स मेस में खुद को गोली मार ली थी. उन्होंने आत्महत्या पूर्व लिखे एक पत्र में इमिजिएट बॉस को जिम्मेदार ठहराया था.
तत्कालीन भाजपा सरकार ने मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा की थी. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपनी जांच पूरी कर ली. इसके बावजूद लेकिन अब तक एसपी राहुल शर्मा ने किन अधिकारियों व कारणों से आत्महत्या की थी इस पर से पर्दा उठ नहीं पाया है.
तब के आईजी हटाए गए थे
जब एसपी राहुल शर्मा ने आत्महत्या की तो उस वक्त आईजी के पद पर आईपीएस जीपी सिंह बिलासपुर में पदस्थ थे. उन्हें एसपी की आत्महत्या प्रकरण को लेकर हटा दिया गया था. हालांकि बाद में आईपीएस जीपी सिंह को रायपुर-दुर्ग जैसी रेंज का प्रभार मिला.
अब जबकि मामले को कई साल बीत गए हैं तो प्रकरण को लेकर सोशल मीडिया पुन: सक्रिय हुआ है. सोशल मीडिया में बिलासपुर के किन्हीं आनंद मिश्रा ने 16 मार्च 2012 को जस्टिस फॉर एसपी राहुल शर्मा के नाम से पेज बनाया था.
इन दिनों यह पेज बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है. इस पेज में अब तक की जानकारी के मुताबिक 1086 सदस्य बताए जाते हैं.
इनमें से कई पत्रकार हैं तो कई सामाजिक कार्यकर्ता हैं. सबका उद्देश्य एसपी राहुल शर्मा प्रकरण के जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही कराने का रहा है. अब देखना यह है कि क्या सोशल मीडिया अपने इस उद्देश्य को पूरा कर पाएगा ?