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दुर्ग.
धान खरीदी के मसले पर छत्तीसगढ़ सरकार से किसान नाराज हो गए हैं. अपनी नाराजगी पर उन्होंने छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के बैनर तले मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन आज एडीएम दुर्ग को सौंपा है.
दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार ने घोषणा की है कि वह 1 दिसंबर से धान खरीदेगी. पहले यह खरीदी 15 नवंबर से होती रही है. इस बार तारीख बढ़ते ही किसानों के विरोध के स्वर सुनाई देने लगे हैं.
किसानों की परेशानियों एवं कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए 15 नवंबर से ही धान खरीदी शुरू करने की मांग की गई है. इस आशय का मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम किसानों ने एडीएम को सौंपा है.
केंद्र पर भी वादा खिलाफी का आरोप
किसानों ने केंद्र सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है. मांगपत्र में लिखा गया है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वायदा था कि उसकी सरकार बनते ही स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसा लागू की जाएगी.
आज 65 महीने बीतने के बाद भी अनुशंसा लागू होने का इंतजार किसान कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने धान को जो न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया है वह स्वामीनाथन आयोग के सूत्र सी-2+50 के मूल्य की तुलना में आधे से भी कम है.
किसानों का कहना है कि आधा मूल्य देकर 2022 में किसानों की आमदनी कैसे दुगुनी की जा सकती है. उन्होंने मांग की है कि सी-2+50 के फार्मूले से न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने में केंद्र सरकार तत्परता दिखलाए.
आज मांगपत्र सौंपने के दौरान संगठन के अध्यक्ष आईके वर्मा, पूर्व संयोजक राजकुमार गुप्त, महासचिव झवेंद्रदास वैष्णव, कोषाध्यक्ष पुरूसोत्तम वाघेला, जिलाध्यक्ष उत्तम चंद्राकर उपस्थित थे.
दुर्ग ब्लाक अध्यक्ष परमानंद यादव, धमधा ब्लाक अध्यक्ष संतु पटेल, बद्रीप्रसाद पारकर, बाबूलाल साहू, प्रमोद पवार, कल्याण सिंह ठाकुर, मेघराज मड़रिया, हुकूम सिंह दिल्लीवार, शंकर राव, गिरीश दिल्लीवार, मंगलूराम बघेल, विष्णु साहू सहित अन्य भी मांगपत्र सौंपने गए थे.