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रायपुर / नईदिल्ली .
कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व क्या छत्तीसगढ़ से नाराज़ है ? यह सवाल इस लिए उठा है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ आने में कोई रूचि नहीं दिखाई है .
दरअसल , राज्योत्सव में देश अथवा अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को आमंत्रित किए जाने को परंपरा के रुप में लिया जाने लगा है .
चूंकि कांग्रेस ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करी थी सो इस बार राज्य सरकार की ओर से श्रीमती सोनिया गांधी को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था .
सरकार के आमंत्रण को सोनिया ने सहर्ष स्वीकारा जैसी खबरें भी छपी और छपवाईं गईं. राजधानी रायपुर के प्रमुख चौक चौराहों पर बीते दो चार दिनों से श्रीमती सोनिया गांधी के स्वागत में लगे होर्डिंग्स भी दिखाई देने लगे थे .
लेकिन अब श्रीमती गांधी के इस समारोह में शामिल होने की न के बराबर संभावना जताई जा रही है . तो क्या वाकई छत्तीसगढ़ का यह राज्योत्सव अपने मुख्य अतिथि के बगैर ही सम्पन्न होगा ?
दस जनपथ ने साधी चुप्पी ?
इस बारे में दस जनपथ ने चुप्पी साध ली है . कोई भी कुछ नहीं बोल रहा है . हो सकता है कि मामला चूंकि श्रीमती गांधी से जुडा़ हुआ है इसकारण कोई कुछ भी कहने से बच रहा हो लेकिन दस जनपथ के ही सूत्र इसे राजनीतिक गुटबाजी से जुडा मसला बताते हैं .
. . . तो क्या श्रीमती सोनिया गांधी किन्हीं कारणोंवश उपजी नाराजगी के चलते छत्तीसगढ़ आने से बचना चाह रही हैं ? अथवा कोई और कारण है यह स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन इतना तय है कि सोनिया का प्रवास रद्द होने के कई कारण निकाले जाएंगे .