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रायपुर.
प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए राहत के बाद बेचैनी भरी खबर सुर्खियों में बनी हुई है. कल एक मामले में उन्हें राहत मिली थी जबकि आज उनसे जुड़े एक मामले में सीबीआई की याचिका से परिस्थिति बदल गई है.
उल्लेखनीय है कि दुर्ग जिले में स्थित रहे भिलाई विशेष क्षेत्र प्राधिकरण (साडा) से गलत तरीके से प्लाट आबंटित कराए जाने का आरोप मुख्यमंत्री पर लगा था. मामला पूर्ववर्ती सरकार के समय का था.
इसी मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने अंतत: आर्थिक अपराध किए जाने के संबंध में साक्ष्य नहीं मिलने की जानकारी न्यायालय को दी थी. इस आधार पर विशेष न्यायाधीश अजीत कुमार राजभानू ने मामले को खत्म करने के आदेश पारित किए थे.
अभी इस बात की प्रसन्नता में डूबे रहे मुख्यमंत्री को अगले दिन आज एक बेचैनी देने वाली खबर मिली. इस बार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उन्हें बेचैन कर दिया है.
दरअसल सीबीआई ने पूर्व मंत्री राजेश मूणत के कथित सेक्स सीडी कांड की सुनवाई छत्तीसगढ़ के बाहर किसी अन्य कोर्ट में कराए जाने के संबंध में एक याचिका उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत की है.
बताया जाता है कि 21 अक्टूबर को इसकी सुनवाई होगी. सीआरपीसी की धारा 406 के तहत यह आवेदन प्रस्तुत किया गया है. इस धारा में सिर्फ सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई का अधिकार है.
नामजद आरोपी हैं
बताया जाता है कि सीबीआई ने मुख्यमंत्री को नामजद आरोपी बनाकर रखा है. उनके अलावा विनोद वर्मा भी इस मामले में आरोपी हैं. कैलाश मुरारका, विजय भाटिया जैसे नाम इसमें शामिल बताए जाते हैं.