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कोरबा/रायपुर.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) के पद पर पदस्थ हुए आईपीएस उदय किरण ऊर्जानगरी में रंग में आ गए हैं. पुलिस गाड़ी में तोडफ़ोड़ के मामले में उन्होंने जिन आठ लोगों को गिरफ्तार किया है वह सत्ताधारी दल कांग्रेस से जुड़े हुए हैं.
इन सभी पर आरोप है कि ये जबरदस्ती दुर्गा का चंदा वसूल रहे थे. चंदा वसूलने के दौरान एक पुलिस आरक्षक ने जब इनका वीडियो तैयार किया तो ये उससे भी उलझ गए.
पुलिस बताती है कि इन्होंने आरक्षक पर दबाव डालकर उससे वीडियो डिलिट करवा दिया. और तो और इन्होंने मानिकपुर पुलिस चौकी के सामने खड़े उन वाहनों में तोडफ़ोड़ की जो कि पुलिस के बताए जाते हैं.
एक अलग कहानी इस संदर्भ में कोरबा में चल रही है. बताया यह जाता है कि झूमाझटकी के मामले में फरीद खान नामक युवक को गिरफ्तार करने पुलिस विकास सिंह के घर पर कल गई थी.
विकास सिंह को मंत्री का समर्थक बताया जाता है. फरीद को ढूंढते हुए पुलिस आज इंटक कार्यालय भी पहुंच गई थी. इसी बात के विरोध में कुछ कार्यकर्ता मानिकपुर पुलिस चौकी के समक्ष उपस्थित हुए थे.
इसी दौरान उनके द्वारा कथित तौर पर वाहनों में तोडफ़ोड़ कर दी गई. इसके बाद पुलिस ने अपने तेवर दिखाए और युवा इंटक अध्यक्ष अंकित श्रीवास्तव सहित आठ कार्यकर्ताओं को धर दबोचा.
ये सभी उस विकास सिंह के समर्थक बताए जाते हैं जो कि मंत्री के खासमखास कार्यकर्ता के रूप में चर्चा में हैं. विकास पर पहले से ही कई मामले दर्ज हैं. अब जबकि इंटक से जुड़े कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही हुई है तो विकास सिंह लापता बताए जा रहे हैं.
ठंडे नहीं पड़े तेवर
दरअसल आईपीएस उदय किरण अपने तेवरों को लेकर प्रदेश में चर्चा का विषय रहे हैं. पहले वह बिलासपुर व महासमुंद में अपने तेवर के चलते चर्चा में रह चुके हैं.
तत्कालीन भाजपा सरकार के समय जब वह बिलासपुर के सीएसपी हुआ करते थे तब भू माफिया बिलासपुर छोड़कर भाग गए थे. बाद में उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिलासपुर से हटा दिया गया.
इसके बाद महासमुंद की पद स्थापना के समय वह एक लाठी कांड को लेकर चर्चा में आए थे. उस समय उन पर आरोप था कि उन्होंने तत्कालीन विधायक विमल चोपड़ा को कथित तौर पर पीटा है. अब जबकि वह कोरबा में पदस्थ हैं तो अपने रंग दिखा रहे हैं.