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रायपुर.
स्पेशल डीजी रहते हुए निलंबित किए गए छत्तीसगढ़ के सीनियर आईपीएस मुकेश गुप्ता व राज्य सरकार के मध्य शह और मात का खेल जारी है. इस खेल में कोई कभी जीत रहा है तो कभी किसी को हार मिल रही है.
इस बीच खबर यह है कि आईपीएस गुप्ता की अग्रिम जमानत अर्जी बिलासपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. मुकेश गुप्ता ने भिलाई के साडा के जमीन मामले में दर्ज केस के खिलाफ हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी.
भिलाई के सुपेला थाने की पुलिस ने मुकेश गुप्ता के खिलाफ साडा की विवादित जमीन के मामले में अपराध क्रमांक 605-2019 में धारा 201, 409, 420, 421, 468, 471 के तहत मुकदमा कायम किया था.
इस मामले में आईपीएस मुकेश गुप्ता को गिरफ्तार करने के लिए दुर्ग के आला अधिकारियों ने पुलिस पार्टी को दिल्ली भी भेजा था.
गुप्ता तो गिरफ्तार नहीं हुए बल्कि उन्होंने इस मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगा दी.
इस मामले की सुनवाई 13 अगस्त को पूरी हो गई थी. जस्टिस आरएसीएस सावंत ने उस दिन फैसला सुरक्षित रख लिया था. कल उन्होंने अपना फैसला अंततः दे दिया.
हालांकि, हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत की अर्जी निरस्त करने पर मुकेश गुप्ता को कानूनी तौर पर कोई दिक्कत नहीं आएगी.
दरअसल देश की शीर्ष अदालत ने भिलाई साडा समेत तीन मामले की जांच पर पहले ही ब्रेक लगा दिए थे.
मुकेश गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट से दरख्वास्त की थी कि छत्तीसगढ़ में उनके खिलाफ चल रहे सभी मामलों को जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया जाए.
इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तीनों केसों की जांच पर रोक दी थी. इसे राज्य सरकार की हार के रूप में देखा जा रहा था.
आईपीएस मुकेश गुप्ता ने अभी सुप्रीम कोर्ट के उक्त फैसले का जश्न मनाया भी नहीं था कि हाईकोर्ट ने पुन: उन्हें सोचने मजबूर कर दिया है.