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रायपुर.
नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में हुए कथित घोटाले से लेकर फोन टेपिंग जैसे विवादास्पद मामले के आरोपी बताए जा रहे आईपीएस मुकेश गुप्ता पर फंदा कसा जाने लगा है. कभी भी गिरफ्तारी की आशंका से डरे आईपीएस गुप्ता अब हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे हैं.
आईपीएस मुकेश गुप्ता को रमन सरकार के समय छत्तीसगढ़ का सबसे बेहतरीन और काबिल-ईमानदार अफसर माना जाता था. लेकिन अब वह उतने ही विवादित और गैर ईमानदार अफसर कहलाने लगे हैं.
दरअसल जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने काम संभाला है तब से मुकेश गुप्ता के दिन बादल ठीक नहीं चल रहे हैं. कभी उन्हें इस मामले में आरोपी बनाया जाता है तो कभी उन्हें उस मामले में कटघरे में खड़े करने की कोशिश होती है.
इस दौरान स्पेशल डीजी के पद पर काबिज गुप्ता का सस्पेंशन भी हो गया. इस निलंबन को खारिज कराने मुकेश गुप्ता ने पहले स्थानीय स्तर पर प्रयास किया और उसके बाद केंद्र सरकार के समक्ष गुहार लगाई.
केंद्र सरकार ने भी गुप्ता के निलंबन पर किसी भी तरह की कार्यवाही से इनकार कर दिया. दरअसल आईपीएस मुकेश गुप्ता ने अपने निलंबन के 45 दिनों के बाद इस पर अपील की थी.
जबकि नियम 45 दिनों के भीतर अपील करने का होता है. इसकारण टेक्रिकल ग्राउंड पर याचिका खारिज हो गई. गुप्ता को राज्य सरकार ने 9 फरवरी को निलंबित किया था.
इस आधार पर देखा जाए तो उन्हें अप्रैल तक अपने निलंबन को चुनौती देनी थी. लेकिन उन्होंने इसके बाद 3 मई 2019 को चुनौती दी. इस आधार पर यह याचिका खारिज हो गई.
उधर, आईपीएस गुप्ता जबलपुर स्थित केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में अपनी याचिका लेकर पहुंच गए. इस पर 5 अगस्त को सुनवाई होनी है. लेकिन गौरतलब तथ्य यह है कि कैट ने भी गुप्ता को किसी तरह का स्थगन नहीं दिया है.
इधर आईपीएस मुकेश गुप्ता को खुद को गिरफ्तार करने का डर इस हद तक सताया कि वह अंतरिम जमानत याचिका लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट में फरियाद लगाने पहुंचे थे.
इस पर बिलासपुर उच्च न्यायालय के जस्टिस आरपी सावंत ने आईपीएस गुप्ता को फिलहाल गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी है.
उन्होंने केस डायरी तलब करते हुए कहा है कि अगले सप्ताह यह प्रस्तुत हो जानी चाहिए. गुप्ता के मामले में सुनवाई भी अगले सप्ताह रखी गई है.
जहां रहे एसपी-आईजी वहां भी आरोपी
जिस दुर्ग जिले में आईपीएस गुप्ता ने ठसक के साथ पुलिस अधीक्षक ( एसपी ) और पुलिस महानिरीक्षक ( आईजी ) के पद पर कार्य किया वहां पर भी वह आरोपी बना दिए गए हैं.
जमीन के एक पुराने मामले में आईपीएस मुकेश गुप्ता पर दुर्ग जिले के सुपेला थाने में जुर्म दर्ज है. इसके प्रार्थी मानिक मेहता की गुप्ता से रिश्तेदारी रही है.
मामले में उन्हें गिरफ्तार करने पुलिस तलाश कर रही है. दुर्ग पुलिस गत दिनों दिल्ली तक उन्हें तलाश कर आ चुकी है लेकिन गुप्ता हाथ नहीं लगे.
ज्ञात हो कि सुपेला थाना में आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ भादंवि की धारा 409, 420, 467, 471, 201 और 421 के तहत अपराध दर्ज है.
आरोप है कि दुर्ग पुलिस अधीक्षक रहने के दौरान मुकेश गुप्ता ने कूटरचित दस्तावेज के आधार पर साडा की जमीन को मोतीलाल आवासीय योजना के तहत अपने नाम करा लिया था.
इसी मामले में गुप्ता ने कानूनी राहत के लिए बिलासपुर हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी. हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए उनकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है.