नेशन अलर्ट.
97706-56789
अनुगुल.
प्रतिदिन तीन लाख टन कोयला उत्पादन करने वाला तालचेर कोयलांचल में प्रदर्शन के चलते कोयला उत्पादन ढप पड़ा है. राज्य के साथ केंद्र को भी भारी राजस्व की क्षति उठानी पड़ रही है.
उल्लेखनीय है कि महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) में भरतपुर कोयला खदान में एक हादसा हुआ था. इस हादसे में जहां तीन श्रमिकों की मौत हो गई थी वहीं एक श्रमिक लापता बताया जा रहा है.
इस हादसे के चलते भाजपा ने आंदोलन शुरू किया. मजदूरों की सुरक्षा को लेकर शुरू किया गया आंदोलन 25 जुलाई से अब तक लगातार जारी है. दो सप्ताह तक लंबे चले इस आंदोलन से कोयला खनन ढप हो गया है.
एमसीएल की दस खदानें कोयला उत्पादित नहीं कर रही है. इसके चलते सड़क के साथ रेलमार्ग से होने वाला कोयला परिवहन भी बंद पड़ा है. इसका सीधा असर नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) की कनिहा यूनिट पर पड़ा है.
बंद हुई तीन यूनिट
एनटीपीसी प्लांट को रोजाना तकरीबन 55 हजार मिट्रिक टन कोयले की जरूरत होती है. आंदोलन का असर कोल परिवहन पर भी पड़ा है. इसके चलते स्टॉक कोल से काम चलाया जा रहा है.
एनटीपीसी प्लांट के स्टॉक में 90 हजार टन कोयला पड़ा हुआ था. इसका उपयोग होने से अब यह भी समाप्ति की ओर बढ़ रहा है. दूसरी खदानों से लाया जा रहा कोयला उस मात्रा में नहीं आ रहा है जिस मात्रा में जरूरत होती है.
इसके चलते एनटीपीसी प्लांट की तीन यूनिट बंद हो गई है. वर्तमान समय में मात्र एक हजार मेगावाट बिजली उत्पादित हो रही है. यदि शीघ्र ही कोई हल नहीं ढूंढा गया तो बिजली उत्पादन पर भी इसका असर पड़ेगा.