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जयपुर.
सिक्का… इसी नाम से उसे जाना जाता है… उसने पुराने पुलिस मुख्यालय से लेकर नए पुलिस मुख्यालय के बाहर यातायात संभालने का काम किया था. अब वह सेवानिवृत्त हो गया है. उसे डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने नगद ईनाम से पुरस्कृत किया है.
घनी मूछों वाला रोबदार चेहरा… लंबाई तकरीबन 6 फुट… वास्तविक नाम से ज्यादा सिक्का का उपनाम चलता है. यही सिक्का बुधवार को सेवा से रिटायर हो गया. यहां बात यातायात कर्मी एएसआई शंकरलाल की हो रही है.
शंकरलाल ने अपनी रोबदार मूछों के साथ 35 वर्षों तक पुलिस विभाग की सेवा की है. उनका कार्यकाल ऐसे समझा जा सकता है कि जब वह नौकरी में आए थे तब पुराना पुलिस मुख्यालय हुआ करता था और जब सेवानिवृत्त हुए तब नए पुलिस मुख्यालय (पीएचक्यू ) में विभाग का दफ्तर लगता है.
सेवानिवृत्ति की अवसर पर उन्हें भूपेंद्र सिंह ने अपने कमरे में बुलाया था. इस अवसर पर उन्होंने भावभीनी विदाई देते हुए सिक्का उर्फ शंकरलाल को पांच हजार रूपए का नगद पुरस्कार दिया.
कई अवसरों पर अपनी सराहनीय सेवाओं के लिए सम्मानित किए जा चुके शंकरलाल को इस अवसर पर डीजीपी सिंह ने प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया. शंकरलाल को उनके नाम से कम बल्कि उपनाम सिक्का से ज्यादातर लोग जानते पहचानते हैं.
12 डीजीपी का कार्यकाल देखा
शंकरलाल ने तकरीबन 35 साल पुलिस विभाग की सेवा की. इस दौरान उन्होंने वर्तमान डीजीपी भूपेंद्र सिंह सहित 12 डीजीपी का कार्यकाल देखा है. जब भी कोई नया डीजीपी पुलिस मुख्यालय में कार्यभार ग्रहरण करने आता था तो वह जरूर शंकरलाल से मुखातिब होता था.