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दंतेवाडा़ / रायपुर.
नक्सलवाद की पीड़ा झेल रहे छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले की पुलिस का सूचना तंत्र धीरे धीरे मजबूत हुए जा रहा है. एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के नेतृत्व में काम कर रही पुलिस अब नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब देने लगी है.
खास कर के बस्तर संभाग को नक्सलियों का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है. छत्तीसगढ़ के कई जिले नक्सल प्रभावित हैं जबकि बस्तर संभाग में नक्सली कुछ ज्यादा ही सक्रिय नजर आते रहे हैं.
पहले नक्सली सूचना तंत्र के मामले में पुलिस पर भारी पड़ते नजर आते थे. लेकिन दो चार साल के दौरान ऐसा कुछ हुआ कि अब पुलिस सूचना तंत्र के मामले में नक्सलियों को कड़ी टक्कर देती दिखाई दे रही है.
जीत रहे ग्रामीणों का भरोसा
ऐसा नहीं है कि आज पुलिस कल से कुछ बेहतर हो गई है लेकिन अधिकारियों ने अपने काम करने के तरीके को जनहितैषी बनाया है. समय समय पर पुलिस पर भले ही कई तरह के आरोप लगते रहे लेकिन अब ग्रामीण भरोसे के मामले में पुलिस पर विश्वास जताने लगे हैं.
ऐसा हाल फिलहाल बहुत सी घटनाओं में देखने को मिला है. ग्रामीणों ने खुद होकर पुलिस को नक्सली गतिविधियों की सूचना दी है. अब देखें न गुमियापाल-हिरोली क्षेत्र में शहीद स्मारक बनाने की सूचना ग्रामीणों ने पुलिस तक पहुंचाई थी.
यह स्मारक नक्सली हुर्रा व गुड्डी की याद में बनवा रहे थे. स्मारक का ढांचा बनकर तैयार हो गया था. ढांचे में सिर्फ रंगाई पोताई का काम शेष था कि तभी पुलिस वहां पहुंच गई. अंतत: स्मारक को ध्वस्त कर दिया.
डॉ. पल्लव बताते हैं कि इस मामले में जन मिलिशिया सदस्यों लखमे कुंजाम, गुड़ीराम कुंजाम, देवा कड़ती, हुर्रा कुंजाम व हुर्रा कुंजमी नामक जन मिलिशिया के सदस्यों को पुलिस ने दौड़ाकर पकड़ा है.
एसपी बताते हैं कि इस इलाके में नक्सलियों का अब तक वर्चस्व रहा है. इसे तोड़कर पुलिस अपनी मौजूदगी का अहसास कराना चाह रही है. उनके अनुसार पुख्ता सूचनाएं पर इसी तरह की कार्यवाही होती रहेगी.
बकौल डॉ. पल्लव 28 जुलाई से नक्सलियों ने शहीद सप्ताह मनाने की तैयारी की है लेकिन इस बार उन्हें सप्ताह मनाने नहीं दिया जाएगा. जिस जगह पर स्मारक ध्वस्त किया गया है वहां नाच गाना कर नक्सली वीडियो बनाकर उसे वायरल करते थे. अब सही समय पर सूचना मिल रही है और पुलिस ने कार्यवाही चालू की है.