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जयपुर.
राजस्थान के 33 जिले में भूजल स्तर से जुड़े आंकड़े चौंकाने वाले हैं. 13 जिलों में यह जरूर बढ़ा है लेकिन प्रदेश के 20 जिले ऐसे हैं जहां भूजल स्तर में गिरावट देखी गई है.
प्रदेश में गिरते भूजल स्तर को देखते हुए एक ओर राज्य सरकार अपनी ओर से प्रयास कर रही है जबकि दूसरी ओर केंद्र सरकार ने जलशक्ति अभियान छेड़ दिया है. जलशक्ति अभियान के मंत्री जोधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत हैं.
75 दिनों का प्रथम चरण
जलशक्ति अभियान का प्रथम चरण 75 दिनों का रखा गया है. बिना बजट के इस मंत्रालय को किस तरह से गजेंद्र सिंह शेखावत संभालते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा लेकिन राजस्थान की स्थिति बद से बदतर हुए जा रही है.
इधर राजस्थान सरकार ने अपनी ओर से राजीव गांधी जलसंचय योजना की घोषणा की है. राजस्थान सरकार का मानना है कि 24 जिले भूजल स्तर के अत्यधिक दोहन के मामले में गंभीर हैं.
उसका यह भी मानना है कि दस साल के दौरान प्रदेश के 20 जिलों में जलस्तर तेजी से घटा है. आंकड़ों पर बात करें तो अकेले जोधपुर जिले में भूजल स्तर नापने के लिए 16 में से 14 ब्लॉक शामिल किए गए हैं.
130 ऐसे पिकेट का चिन्हांकन किया गया है जहां भूजल स्तर नापा जाएगा. इस साल बारिश शुरू होने के पहले भूजल स्तर नापने रीडिंग ली जा चुकी है. अब महीने दर महीने इस रीडिंग को ले कर अध्ययन किया जाएगा कि कहां सुधार हो रहा है या गिरावट.
बताया जाता है कि 15 सितंबर में अंतिम परिणाम देखा जाएगा. प्री मानसून भूजल रीडिंग के 2008 से 2018 तक के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं. आंकड़ों में प्रदेश के 33 में से 20 जिले एक दशक के दौरान भूजल स्तर गिरने के मामले में खतरनाक स्थिति में नजर आए हैं.
जबकि प्रदेश के 13 जिलों में भूजल स्तर पहले की तुलना में बढ़ गया बताया जाता है. अतिदोहित क्षेत्रों में 24 जिलों को शामिल किया गया है. अब जबकि सरकार ने इस ओर ध्यान देना शुरू किया है तो पानी के बचाव की उम्मीद जगी है.