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रांची.
अब तक गरीब राज्य के रूप में जाना जाने वाला झारखंड अब अपनी उपलब्धि पर इतरा सकता है. दरअसल उसे संयुक्त राष्ट्र संघ ने उस रपट का हिस्सा बनाया है जो कि गरीबी से मुक्ति के लिए लड़ रही है. इसमें झारखंड राज्य को हिंदुस्तान का अव्वल राज्य माना गया है.
संयुक्त राष्ट्र विकास विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) और आक्सफोर्ड पोवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव (ओपीएचआई) ने मिलकर इस रपट को तैयार किया है.
इस रपट में विश्व के 101 देशों का अध्ययन किया गया. अध्ययन में 1.3 अरब लोग शामिल किए गए. बहु आयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) ने अब जाकर रपट जारी की है.
बेहतर सुधार दिखा
रपट में माना गया है कि झारखंड जैसा राज्य गरीबी खत्म करने की दिशा में सर्वाधिक सफल रहा है. हिंदुस्तान के उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार की तुलना में झारखंड में बेहतर सुधार दिखाई दिया है.
गरीबी से मुक्ति के मामले में भारत में झारखंड ने काफी मेहनत की है. 2005-06 में झारखंड की 74.9 फीसद आबादी गरीब हुआ करती थी जो कि 2015-16 में 46.5 फीसद तक कम हो गई.
बच्चों की स्कूली शिक्षा सहित स्कूल में उपस्थिति, आवास, पोषण, स्वच्छता, बिजली, खाना पकाने के ईंधन के मामले में भारत को आगे बताया गया है.
भारत में झारखंड जैसा राज्य इन सब मामलों में अन्य राज्यों की तुलना में आगे बताया गया है. रपट बताती है कि भारत में तेजी से गरीबी घट रही है.