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जयपुर.
प्रदेश में लोकायुक्त का पद बीते कुछ माह से खाली है. राज्य में लोकायुक्त रहे एसएस कोठारी को कांग्रेस की सरकार आने पर हटा दिया गया था.
कोठारी के हटाए जाने के बाद से अब तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो पाई है. कोठारी के साथ साथ एक संयोग देखिए कि उन्हें जिस सरकार (कांग्रेस) ने लोकायुक्त बनाया था उसी सरकार ने हटा दिया.
भाजपा ने देखी थी कार्य कुशलता
उल्लेखनीय है कि एसएस कोठारी की नियुक्ति भाजपा सरकार के पहले रही कांग्रेस की सरकार ने की थी. चूंकि भाजपा ने कोठारी की कार्य कुशलता को देखा था इसके कारण कार्यकाल में वृद्धि की गई.
तब प्रदेश में लोकायुक्त का कार्यकाल महज पांच साल हुआ करता था. इसे भाजपा शासनकाल में बढ़ाकर आठ वर्ष किया गया. इसी तरह की नियुक्ति उत्तरप्रदेश में होती रही थी.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में लोकायुक्त का कार्यकाल पहले तीन वर्ष हुआ करता था. इसमें संसोधन कर कांग्रेस ने इसे पांच साल तक बढ़ाया.
कांग्रेस के बाद राजस्थान में जब भाजपा की सरकार (2013-2018) बनी तो इस अवधि को पांच साल से बढ़ाकर आठ साल किया गया. अब एक बार फिर इसे घटाकर पांच साल किया जा रहा है.
इसी मसले पर विधानसभा में गत दिनों भारी विरोध दर्ज किया जा चुका है. लोकायुक्त के कार्यकाल को आठ से घटाकर पांच साल करने के विधेयक को विरोध के बीच कांग्रेस पारित करा ले गई है.
प्रभारी मंत्री बीडी कल्ला कहते हैं कि विभिन्न राज्यों सहित केंद्र में लोकायुक्त का कार्यकाल महज पांच साल का होता है. अकेले राजस्थान में इसे आठ वर्ष किया गया था. वे इसका कारण पूछते हैं.
नेता प्रतिपक्ष गुलाब कोठारी, उपनेता राजेंद्र राठौर के अनुसार प्रदेश मेें लोकायुक्त का कार्यकाल क्यूंकर कम किया जा रहा है यह जांच का विषय है. उनके अनुसार कोठारी की नियुक्ति तो कांग्रेस ने ही की थी.
ज्ञात हो कि एसएस कोठारी को इसी साल 6 मार्च को राज्य के लोकायुक्त पद से हटा दिया गया था. तब अध्यादेश का सहारा लिया गया था. लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में लोकायुक्त का पद रिक्त है.