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भोपाल.
वित्त आयोग का मानना है कि गरीब राज्यों की सूची में आज भी मध्यप्रदेश का नाम शामिल है. देश की औसत जहां 21 फीसदी होती है वहीं मध्यप्रदेश में गरीबी का अनुपात 33 फीसदी बताया गया है.
यह खुलासा वित्त आयोग के सदस्यों की मध्यप्रदेश यात्रा के बाद हुआ. सदस्यों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात भी की. इसके बाद प्रदेश की राजनीति में आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला प्रारंभ हो सकता है.
प्रतिव्यक्ति आय अविकसित राज्यों से भी कम
बताया जाता है कि मध्यप्रदेश के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं. मध्यप्रदेश में प्रतिव्यक्ति आय महज 90 हजार 998 रूपए बताई गई है जो कि राष्ट्रीय पैमाने पर बेहद पीछे है.
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिव्यक्ति आय 1.26 लाख रूपए बताई जाती है. प्रतिव्यक्ति आय के मामले में मध्यप्रदेश अभी भी कई अविकसित राज्यों से पीछे चल रहा है.
आयोग के सदस्यों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को कई सुझाव भी दिए. एससी-एसटी वर्ग के लोगों के लिए कुछ नीतियों में बदलाव की जरूरत बताई गई है. इसी तरह से मध्यप्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में काम करना पड़ेगा कहा गया है. बहरहाल मध्यप्रदेश विभिन्न स्तरों पर देश के कई राज्यों से अभी भी पीछे है.