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धौलपुर/जयपुर.
अवैध बजरी खनन के मामले में धौलपुर में पुलिस की लड़ाई पुलिस से चल रही है. मामला अब पुलिस मुख्यालय तक पहुंच गया है. डीजीपी ने अंतत: जांच का जिम्मा एडीजी विजिलेंस को सौंपा है.
उल्लेखनीय है कि धौलपुर में तीन थाना प्रभारियों सहित एक ट्रैफिक इंचार्ज को अवैध बजरी भरे वाहनों से कथित तौर पर सीओ सिटी ने पकड़ा था.
धौलपुर के सीओ सिटी दिनेश शर्मा ने एसपी अजय सिंह की शह पर अवैध वसूली के धंधे में पुलिस के शामिल होने का उल्लेख करते हुए डीजीपी को एक पत्र लिखा था.
इधर डीजीपी भूपेंद्र यादव कहते हैं कि जिले के एसपी के खिलाफ ऐसा बोलना किसी भी डिप्टी एसपी के लिए ठीक नहीं है. बहरहाल उन्होंने मामले की जांच विजिलेंस एडीजी गोविंद गुप्ता का दी है.
इधर शुक्रवार को मुख्यालय द्वारा हटाए जाने के पहले तक एसपी रहे अजय सिंह मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
डीजीपी के निर्देश पर विजिलेंस की टीम ने अपनी जांच शुरू भी कर दी है. धौलपुर पहुंची टीम के एएसपी समीर दुबे ने सदर, निहालगंज सहित कोतवाली थाना के तत्कालीन प्रभारियों के बयान लिए.
इन्हें ही सीओ सिटी ने वसूली करते हुए पकड़ा था. इसके बाद एसपी रहे अजय सिंह ने तीनों को लाइन अटैच कर दिया था. बताया जाता है कि विजिलेंस की जांच में तीनों प्रभारियों ने सीओ सिटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
उधर सीओ सिटी दिनेश शर्मा कहते हैं कि वसूली करने वाले पुलिसकर्मी अपने अधिकारियों के दबाव में कुछ भी कह सकते हैं. भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की बात कहते हुए शर्मा बताते हैं कि उन्होंने उच्च अधिकारियों को लिखित में अवगत कराया है.
बहरहाल मामले की निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है. चूंकि आरोप लगाने वाला पुलिस अधिकारी है और जिन पर आरोप लगाया गया है वह भी पुलिस अधिकारी हैं इसकारण मामला गंभीर हो गया है.