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इंदौर.
एक दिन में 58 हजार गड्ढों की नाप जोख करने वाले वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारियों को नोटिस का जवाब देना होगा. दरअसल सीसीएफ ने दो एसडीओ को नोटिस थमाई है.
मध्यप्रदेश के वन विभाग में अब गड्ढों की खुदाई में भी घोटाला होने लगा है. फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए बनाए गए दल ने ऐसी रपट प्रस्तुत की है कि अब सीसीएफ नोटिस देकर जवाब मांग रहे हैं.
जांच में गड़बड़ी की आशंका
दरअसल सारा मामला जांच में गड़बड़ी की आशंका से जुड़ा हुआ है. अब सीसीएफ जानना चाहते है कि वह कौन सी तकनीक अधिकारियों ने अपनाई कि एक दिन में न केवल 58 हजार गड्ढों की गिनती भी कर ली बल्कि उसकी गहराई-गोलाई की नपाई भी हो गई.
बताया जाता है कि अधूरे काम सहित कार्य से अधिक बिल वाउचर बनाने को लेकर काफी समय से शिकायत मिल रही थी. मामला वन विभाग से होते हुए सीसीएफ तक पहुंचा था.
सीसीएफ ने जून में दो अन्य एसडीओ के साथ एसडीओ संदीप गौतप व ओपी पटेल को जांच की जिम्मेदारी दी थी. गौतम के जिम्मे इंदौर रेंज की उमरीखेड़ा व मोरोद बीट शामिल थी.
उनके साथ दो वनपाल भी जांच दल में शामिल थे. इन्हें 50 हेक्टेयर जंगल में हुए कार्यों की स्थिति का पता लगाना था. बताया जाता है कि इन्होंने 24 घंटे के दौरान 70 हजार गड्ढे गिनें.
और तो और इन्होंने खाद मिट्टी की स्थिति का पता लगाकर अगले दिन अपनी रपट भी दे दी. मोरोद में करीब 35 हजार व उमरीखेड़ा बीट में 33 हजार पौधे लगाए जाने हैं.
मामले में एसडीओ गौतम कहते हैं कि कुछ आंकड़ों में यदि अंतर आया है तो सीसीएफ के निर्देश पर दोबारा जांच चल रही है.
जबकि सीसीएफ कालीदुरई बताते हैं कि रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं होने पर उन्होंने नोटिस दी है.