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कोटा.
अपनी शैक्षणिक सुविधाओं के लिए राजस्थान को देशभर में पहचान दिलाने वाले इस शहर में अंधविश्वास का एक मामला सामने आया है. एक निजी अस्पताल में आत्मा भटकने की बात कहकर तांत्रिक ने तकरीबन आधे घंटे पूजा की.
आश्चर्यजनक बात यह है कि जिस मामले को लेकर यह पूजा कराई गई है वह मामला तकरीबन दो साल पुराना है. तांत्रिक को एक बच्चे के परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे थे. इस बच्चे की मौत लगभग दो साल पहले हो गई थी.
आत्मा को साथ ले जाएगा
तकरीबन दो दर्जन महिलाओं, पुरूषों के साथ सोमवार को बच्चे की आत्मा लेने तांत्रिक कोटा के एमबीबीएस अस्पताल पहुंचा था. परिजन बूंदी जिले के हिंडोली कस्बे के चेतागांव के निवासी हैं.
बच्चे की मौत के बाद घर परिवार के बाकी सदस्यों की तबियत नासाज रहने लगी थी. इस पर उन्होंने तांत्रिक से संपर्क साधा था. तांत्रिक ने कहा था कि अस्पताल में बच्चे की आत्मा भटक रही है.
इसी के उपाय के लिए वह आत्मा लाने की सलाह देने लगा. और तो और सोमवार को पूजा पाठ करने अस्पताल भी पहुंच गया. देखते ही देखते वहां लोगों की भीड़ जुट गई.
अस्पताल के सुरक्षाकर्मियों सहित पुलिस ने तांत्रिक व परिजनों को अस्पताल में प्रवेश देने से मना कर दिया. अस्पताल के बाहर गेट से भी हटा दिया. आत्मा की शांति के लिए गीत महिलाएं गा रही थी. थोड़ी दूर भेज दिया गया.
इस समय तकरीबन एक घंटे का समय लगा होगा. आधे घंटे तक पूजा पाठ करने के बाद तांत्रिक ने घोषणा की कि वह आत्मा प्राप्त करने में सफल हो गया है. अब वह आत्मा को लेकर जा रहा है.