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नई दिल्ली/रायपुर.
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित, पुलिस सेवा के अधिकारी मुकेश गुप्ता प्रधानमंत्री कार्यालय की जद में आएंगे. मुकेश गुप्ता को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त कर दिए जाने की तैयारी की खबर है.
उल्लेखनीय है कि आईपीएस मुकेश गुप्ता ने तीस साल की सेवा पूरी कर ली है. इधर तीस साल की सेवा के बाद उपयोगिता तय करने राष्ट्रीय स्तर पर अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों की समीक्षा की जाती है. मुकेश गुप्ता का नाम छत्तीसगढ़ से शामिल बताया जाता है.
2018 में नहीं हो पाई थी समीक्षा
बताया जाता है कि 2018 में अखिल भारतीय स्तर पर कार्यरत अधिकारियों की सेवा की समीक्षा नहीं हो पाई थी. चूंकि 2018 चुनावी वर्ष था इसकारण इस दिशा में न तो सरकार कोई ध्यान दे पाई और न ही सर्विस रिकार्ड खंगाला जा सका.
चूंकि अब चुनावी खुमारी उतर चुकी है इसकारण तीस साल की सेवा पूर्ण कर चुके अधिकारियों की सेवा की उपयोगिता की समीक्षा की जाने लगी है.
दरअसल भाजपा सरकार ने केंद्र में दूसरी मर्तबा काम करना शुरू किया है. प्रधानमंत्री के अलावा इस बार गृहमंत्री (अमित शाह) का सारा जोर उन अफसरों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने का है जो कि सरकार अथवा जनमानस के लिए हितकारी नहीं रहे हैं.
इसमें छत्तीसगढ़ से आईपीएस मुकेश गुप्ता का नाम प्रमुखता से लिया जाने लगा है. आईपीएस मुकेश गुप्ता बेहद विवादित अफसर रहे हैं. अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से उनकी सेवा में कई तरह के दाग लगे हैं.
उज्जैन एसपी रहते हुए अधिकारिक फोन के अत्यधिक बिल के मामले में वह फंसे थे. वहां से किसी तरह निकलकर जब वह छत्तीसगढ़ आए तो यहां पर भी उनके कारनामें जारी रहे.
यहां उन्होंने मिक्की मेहता से दूसरी शादी की थी. शासकीय सेवा में रहते हुए पहली पत्नी को तलाक दिए बगैर दूसरी शादी नहीं की जा सकती है. लेकिन गुप्ता ने मिक्की से विवाह कर शासकीय नियम का कचूमर निकाल दिया था.
इसके बावजूद उन पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की गई. इसी दौरान मिक्की मेहता की संदिग्ध परिस्थितियों में अचानक मौत हो गई. मिक्की मेहता के भाई व मां (मानिक व श्यामा मेहता) इस मौत के लिए आईपीएस मुकेश गुप्ता को जिम्मेदार ठहराते रहे.
नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में हुए कथित घोटाले के दौरान ईओडब्ल्यू चीफ रहे मुकेश गुप्ता ने लीपा पोती कर मामले को कुछ दूसरा ही रंग देने का प्रयास किया. यह मामला भी आज दिनांक तक चल रहा है.
इसके अलावा आईपीएस मुकेश गुप्ता फोन टेपिंग के मामले में बुरी तरह से फंसे हुए हैं. उन पर आरोप है कि उन्होंने एसपी रहे रजनेश सिंह व स्टेनो रेखा नायर के साथ मिलकर अवैध तरीके से फोन टेप किए थे.
आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ हाल फिलहाल सुपेला थाने में एक अपराध दर्ज किया गया है. उनके साले मानिक मेहता की शिकायत पर यह मामला दर्ज हुआ है. मामले में उन पर आरोप है कि उन्होंने साडा से गलत तरीके से जमीन खरीद कर उसका सौदा किया था.
बहरहाल ये सारे मामले ऐसे हैं जिस पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार इन दिनों जांच करा रही है. प्रदेश सरकार के अलावा देश की सरकार की भी नजरें आईपीएस मुकेश गुप्ता को लेकर तिरछी हो गई है.
संभावना जताई जा रही है कि तीस साल की सेवा पूरी करने के बाद उनकी उपयोगिता को लेकर होने वाली समीक्षा में उन पर गाज गिराई जा सकती है. आने वाले दिनों में इस पर फैसला हो सकता है.