विक्रम बाजपेयी/रायपुर।
तिहाड़ जेल में दिन काट रहे आईएएस बाबूलाल अग्रवाल की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रहीं हैं। सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा दो बार जमानत की याचिका रद्द किए जाने के बाद उन्हें 13 अप्रैल तक के लिए तिहाड़ जेल भेजा जा चुका है। वहीं इसी 13 अप्रैल को उन्हें लेकर एक और बड़ा फैसला आ सकता है। राज्य की छानबीन समिति की बैठक इसी माह होने वाली है।
खबरें हैं कि राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों के रिकार्ड को लेकर छानबीन समिति अपना काम शुरु करने वाली है। इस समिति की बैठक 13 अप्रैल को निर्धारित है। इस दौरान किन दागी अफसरों पर कार्रवाई हुई और किन पर कार्रवाई होनी है यह तय किया जाएगा।
समिति की नजर उन अफसरों पर भी होंगी जिन्हें लेकर लगातार सुर्खियां बनती रहीं हैं या उनके खिलाफ शिकायतें मिली हैं। ऐसे अफसरों के सर्विस रिकॉर्ड को देखते हुए उन पर कड़ी नजर रखने जैसी कार्रवाई की सिफारिश छानबीन समिति कर सकती है। उक्त समिति में प्रमुख सचिव विवेक ढांड, अपर मुख्य सचिव अजय सिंह और प्रशासन विभाग देख रहीं निधि छिब्बर शामिल हैं।
इन सबसे इतर, इस समिति की बैठक सीबीआई द्वारा हिरासत में लिए गए और बहरहाल निलंबित चल रहे आईएएस बाबूलाल अग्रवाल के मामले में भी समिति की सिफारिशें की जा सकती हैं। यदि ऐसा होता है तो उनकी मुसीबत और बढ़ा सकती है। पहले ही सीबीआई सहित प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रहे अग्रवाल के लिए यह खबर कतई ठीक नहीं है।
और भी हैं अग्रवाल
राज्य में बाबूलाल अग्रवाल सरीखे और भी अफसर हैं। छानबीन समिति राज्य के अफसरों के सर्विस रिकॉर्ड को टेबल पर अपनी कार्रवाई शुरु करेगी। यदि वाकई ऐसा होता है तो कई बाबूलाल सामने आ सकते हैं। इधर, ऐसे में बाबूलाल अग्रवाल प्रकरण में अब राज्य सरकार की ओर से भी कार्रवाई के संकेत दिख सकते हैं। अग्रवाल के खिलाफ कई मामले हैं जो उनके लिए अब खतरा साबित हो सकते हैं। स्वास्थ्य सचिव के पद पर रहने के दौरान उन पर मेडिकल ईक्यूपमेंट में खरीदी का आरोप लगा था। इस घोटाले में राज्य के कई अन्य अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
अग्रवाल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में जांच भी चल रही है। प्रवर्तन निदेशालय यह जांच अब तेजी से कर रहा है जो कि अब तक शायद अग्रवाल के द्वारा ही प्रभावित की जा रही थी। इस मामले में तो कार्रवाई के संकेत भी मिलने लगे हैं। इन सबके बाद फरवरी में उन्हें सीबीआई ने हिरासत में ले लिया। उन पर सीबीआई में उनके खिलाफ चल रहे प्रकरण को खत्म करवाने या फिर राज्य की जांच एजेंसी को मामला स्थानांतरित करवाने के लिए सीबीआई को रिश्वत देने के प्रयास का आरोप है। इस मामले में उनके साथ उनके साले आनंद अग्रवाल, बिचौलिए भगवान सिंह और बुरहानुद्दीन को भी सीबीआई ने हिरासत में रखा है।