दंतेवाड़ा।
जिले में लगातार चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के तहत आज सुरक्षा बलों को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। एक साथ यहां 4 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।जिसमें 13 लाख का इनामी नक्सली सुरेश भी शामिल है जो प्लाटून नम्बर 3 का कमांडर है।
8 लाख ईनामी नक्सली सेंट्रल कमेटी सुरक्षा (उड़ीसा) प्लाटून नम्बर 3 का कमांडर (DVC) सहित 4 माओवादियों ने हथियार के साथ दंतेवाड़ा एसपी के सामने सरेंडर किया।
गुड्डू उर्फ सुरेश उर्फ वासुदेव सेंट्रल कमेटी उड़ीसा 8 लाख का ईनामी व छतीसगढ़ से 5 लाख का ईनाम घोषित था। 13 लाख का ईनामी सुरेश उड़ीसा में सक्रिय नक्सली था।दिलीप पुनेम जनमिलिशिया कमांडर 1 लाख का ईनामी, वही दो मिलीशिया सदस्य लक्ष्मण अटामी,मुन्ना राम ने 2 भरमार बंदूक के साथ सरेन्डर किया है और कई वारदातों में शामिल होना भी बताया है।
छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर आत्मसमर्पित माओवादियों में सेंट्रल कमेटी सुरक्षा (उड़ीसा) के प्लाटून नंबर 03 का कंमाडर गुड्डू उर्फ सुरेश उर्फ वासुदेव पिता मंगड़ू उम्र 26 वर्ष निवासी ग्राम दोरागुड़ा थाना मिरतुर जिला बीजापुर का निवासी है। इसके अतिरिक्त कंमाडर दिलीप पुनेम पिता पंदरू निवासी बेच्चापाल थाना मिरतुर जिला बीजापुर , जनमिलिशिया सदस्य लक्ष्मण अटामी पिता सुदरु उम्र 33 वर्ष निवासी पलेवाया थाना भैरमगढ़ जिला बीजापुर व जनमिलिशिया सदस्य मुन्ना राम पिता गोलाराम लेकाम उम्र 24 वर्ष निवासी तुमरीगुंडा थाना बारसूर जिला दंतेवाड़ा शामिल है। आत्मसर्मपित माओवादी गुड्डू उर्फ सुरेश उर्फ वासुदेव 2007 से लगातार 2010 तक छत्तीसगढ़ में ही माओवादी संगठन में भर्ती होकर लगातार विभिन्न पदों में काम कर रहा था।
गुड्डू पर विभिन्न माओवादी घटनाओं में शामिल होने का आरोप है। जिनमे से थाना जांगला के मुंगनाचल नदी के पास 22 वाहनों को आग लगा कर क्षत्तिग्रस्त करने की घटना व सोनिबेडा उड़ीसा में पुलिस पार्टी में हमला कर हथियार लूटने की घटना जिसमे पुलिस के 09 जवान शहीद हुये थे उस घटना में शामिल था। फिर 2010 के बाद उड़ीसा में अपने आतंक का डंका बजाता रहा।
वही आत्मसर्मपित माओवादी दिलीप कमालूर व भांसी रेल्वे स्टेशन के बीच रेल्वे पटरी उखाड़ने की घटना समेत मिरतुर के निवासी ओयम जाड़का की हत्या करने की घटनाओं में शामिल था। यही अन्य आत्मसर्मपित माओवादियों पर गॉव के नवयुवक नवयुवतियों को माओवादी संगठन में शामिल करने ग्रामीणों की मीटिंग बुलाने,माओवादी संगठन का प्रचार प्रसार करने का काम करते थे। छत्तीसगढ़ शासन की ईनाम पॉलिसी के तहत गुड्डू पर उड़ीसा में 08 लाख का छत्तीसगढ़ में पांच लाख इनाम घोषित है व दिलीप पर 01 लाख रूपये का ईनाम घोषित था।
गुड्डू उर्फ सुरेश उर्फ वासुदेव ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष अपनी आपबीती बताते हुए बताया कि माओवादी विचारधारा को छोड़ कराने से 2 दिन पहले अपनी नक्सली पत्नी रजनी से माओवाद का साथ छोड़ कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर जीवन जीने की इच्छा जताई थी।
जिस पर वर्तमान में उड़ीसा मावा संगठन से जुड़कर काम करने वाली रजनी ने अपने संगठन में ही अपनी पति की पोल खोल दी थी।की वासुदेव कभी भी माओवादी संगठन छोड़ कर जा सकता है। जिसके कारण उस पर लगातार पैनी नजर रखी जा रही थी। अपनी जान के खतरे को देखते हुए उसने अपने हथियार एके-47 को वहीं छोड़कर भाग खड़ा हुआ। और उड़ीसा से रायपुर की ओर बस में रवाना होकर मिरतुर थाना होते हुए दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक के समक्ष आकर आत्मसमर्पण किया।
वहीं पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा डॉक्टर अभिषेक पल्लव ने बताया कि घर वापसी कर घर में आकर काम करने की इच्छा गुड्डू उर्फ सुरेश ने जताई है।उसने बताया है कि माओवादी रहन सहन बहुत ही कठिन है ना ही रहने का ठिकाना है ना ही खाने का ठिकाना। इसलिए समाज की मुख्यधारा से जुड़ कर मान सम्मान के साथ अपना जीवन यापन करना चाहता है।