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रायपुर.
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शासकीय नौकरी प्राप्त कर लेना अब उन पांच शिक्षकों को महंगा पड़ेगा जिनके दस्तावेज फर्जी मिले हैं. मामला कोरबा जिले से जुड़ा हुआ है.
कोरबा के शिक्षा विभाग में उक्त फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है. कोरबा विकासखंड अंतर्गत प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षकों व शिक्षा कर्मियों के दस्तावेज जांच के लिए बुलवाए गए थे तो यह मामला उजागर हुआ.
कमिश्रर ने दिए थे जांच के निर्देश
उल्लेखनीय है कि जांच कराने की पूर्व में शिकायत बिलासपुर कमिश्रर से की गई थी. कमिश्रर के निर्देश पर जांच कराई जा रही थी.
570 शिक्षकों के दस्तावेज जमा कराए गए थे. इन्ही की जांच में पांच जिनमें तीन सहायक शिक्षक एलबी व दो शिक्षक पंचायत के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं.
खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कोरबा ने इस आशय का प्रतिवेदन अग्रिम कार्यवाही के लिए जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को प्रेषित कर दिया है. जनपद पंचायत कोरबा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भी सूचित किया गया है.
जिन शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं उनमें खोडल के कंचन भारद्वाज, एलांग के धीरेंद्र धीरही, भाटापारा की सुनीता महिलांगे सहित शिक्षक पंचायत वर्ग के चितरंजन कश्यप व खुमान प्रसाद के नाम शामिल बताए जाते हैं.