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रायपुर.
किंतु परंतु की राजनीति से परे जाकर राज्य की कांग्रेस सरकार ने मंगलवार को एक जबरदस्त निर्णय लिया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एनएमडीसी की 13 नंबर खदान में अडानी की कंपनी द्वारा किए जाने वाले उत्खनन पर रोक लगा दी है.
बस्तर से सांसद चुने गए दीपक बैज व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम के साथ किरंदुल में एनएमडीसी दफ्तर को घेर कर बैठे आदिवासियों के एक प्रतिनिधि मंडल से नंदराज पर्वत पर छिड़े विवाद को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने सहयोगियों के साथ मुलाकाल की.
फर्जी ग्राम सभा की जांच का आदेश
आदिवासियों के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री बघेल को बताया कि खनन और वनों की कटाई की मंजूरी जिस ग्राम सभा द्वारा दी गई वह फर्जी थी.
इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्ष 2014 में हुई उक्त ग्राम सभा की जांच के आदेश कर दिए हैं. प्रतिनिधि मंडल की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश ने क्षेत्र में संचालित कार्यों पर भी तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए हैं.
इसके साथ ही एमओयू को लेकर बस्तर वासियों की भावनाओं को ध्यान में रखने छत्तीसगढ़ सरकार भारत सरकार को पत्र लिखेगी. पत्र में जनता के भावनाओं की जानकारी दी जाएगी. वनों की कटाई पर भी तुरंत रोक लगा दी गई है.
बैठक में प्रदेश के वनमंत्री मोहम्मद अकबर मौजूद थे. बस्तर से आए प्रतिनिधि मंडल में सर्व आदिवासी समाज के नवल किशोर मंडावी सहित विधायक मोहन मरकाम, विधायक रेखचंद जैन, विधायक विक्रम मंडावी, पूर्व विधायक देवती कर्मा, इंटक के प्रतिनिधि देशमुख सिंह शामिल थे.
अपर मुख्य सचिव आरसी खेतान, आरपी मंडल, प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी, प्रधान मुख्य संरक्षक राकेश चतुर्वेदी सहित मुख्यमंत्री के सलाहकार राजेश तिवारी की मौजूदगी में यह बैठक हुई.
उल्लेखनीय है कि डिपॉजिट 13 में किसी भी कीमत पर खनन होते बस्तर के आदिवासी नहीं देखना चाहते हैं. उनका दावा है कि वहां उनके आराध्य देव बसते हैं. इसी विषय को लेकर बीते दिनों से आदिवासी आंदोलन कर रहे थे.