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रायपुर.
तकरीबन चार माह पहले शुरू हुई जांच पूरी कर डॉ. मिक्की मेहता की संदिग्ध मौत के मामले में चौदह सौ पृष्ठों की जांच रपट राज्य सरकार को सौंप दी गई है.
अब तक जिनके बयान नहीं हुए थे उनके भी बयान लिए गए हैं. और तो और मामले के शिकायतकर्ता व मिक्की के भाई माणिक मेहता के बयान तकरीबन सात दिन चले हैं.
सूत्रों के मुताबिक जेल डीजी गिरधारी नायक ने प्रकरण की जांच कर रपट राज्य सरकार को सौंपी है. मामला 18 साल पुराना है जिसकी जांच तकरीबन चार महीने पहले शुरू हुई थी.
विभागीय जांच सालों तक अटकी रही
मामले में प्रदेश के सस्पेंडेड डीजी मुकेश गुप्ता पर कार्यवाही की तलवार लटकते रही है. मिक्की मेहता की मृत्यु के तुरंत बाद मामले की विभागीय जांच शुरू हुई थी जो कि 18 साल अटकी रही.
अब जाकर जब जांच हुई है तो मुकेश गुप्ता फिर कटघरे में खड़े नजर आ रहे हैं. मिक्की के भाई माणिक से सात दिनों तक चली जांच में रोजाना छ: घंटे ब्यौरा लिया गया है.
उल्लेखनीय है कि डॉ. मिक्की मेहता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत वर्ष 2001 में हो गई थी. प्रदेश में चर्चा है कि डॉ. मिक्की ने आईपीएस मुकेश गुप्ता से गंधर्व विवाह कथित तौर पर किया था. विवाह वर्ष 1999 में हुआ था बताया जाता है.
तब से लेकर अब तक मिक्की के परिजन उसकी मौत को लेकर मुकेश गुप्ता पर अनगिनत आरोप लगाते रहे हैं. अब जाकर जब जांच पूरी हुई है तो मामले का खुलासा हो सकता है.मिक्की के परिजन खुश भी हैं.