पूर्व मुख्यमंत्री के सुपुत्र पूर्व सांसद अभिषेक सिंह बैठे बिठाए मुसीबत में फंस गए हैं. अंबिकापुर की सिविल कोर्ट ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
उनके साथ ही राजनांनदगांव के पूर्व महापौर नरेश डाकलिया व महापौर मधुसूदन यादव के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश हुए हैं.
चिटफंड कंपनी अनमोल इंडिया के 20 संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी के इस मामले में लुंड्रा के अंतर्गत ग्राम सुमेरपुर के ज्ञानदास ने अपील की है.
उन्होंने अदालत में अपना पक्ष रखते हुए अभिषेक सिंह, नरेश डाकलिया और मधुसूदन यादव के कंपनी के स्टार प्रचारक होने की बात कही.
उन्होंने दावा किया कि इनके द्वारा किए गए प्रचार के चलते ही लोगों ने ठाणे की इस कंपनी में निवेश किया था. बाद में कंपनी ने निवेशकों से धोखा किया.
प्रार्थी ने अपील की थी कि इस मामले से जुड़े स्टार प्रचारकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए. जिसके बाद कोर्ट ने मामला दर्ज करने के आदेश दे दिए.
ज्ञानदास ने 10 हजार रुपए का निवेश कंपनी में किया था. उसे 10 हजार रुपए निवेश पर प्रमाण पत्र भी दिया गया था.
लेकिन जब अपने पैसे वापस लेने के लिए कंपनी में संपर्क किया तो उसे कंपनी ने पैसा नहीं लौटाए। बाद में कंपनी में ताला लगाकर सब फरार हो गए।
इसी मामले में अदालत ने जावेद मेमन, सुपेरा, जुनैद मेमन, नीलोफर बानो, खालिद मेमन, नादिया बानो, हाजी उमर मेमन, फातिमा बानो, हमीद मेमन, सीबू खान, मूलचंद देवांगन, लोकेश साहू, युवराज देवांगन, परमानंद साहू, अनिल चौहान, सुखदेव साहू सहित नरेश डाकलिया, अभिषेक सिंह, मधुसूदन यादव के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच का आदेश दिया.