सरोज पांडे… छत्तीसगढ़ में इन्हें सरोज दीदी ही कहा जाता है. यहां उनकी रुतबेदार राजनेता की छवि है. वे राज्यसभा सांसद हैं.
और मोदी सरकार की दोबारा जीत के साथ ही यह संभावना जताई जा रही है कि सरोज दीदी केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालय संभालने जा रही हैं.
छत्तीसगढ़ ही नहीं केंद्र में भी सरोज दीदी के राजनीतिक कद को काफी महत्व दिया जाता है. यही कारण रहा कि उन्हें अमित शाह ने अपनी टीम में शामिल किया.
वे उन्हें राज्य की राजनीति से उठाकर केंद्र में ले गए. वे पहले भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष रहीं फिर भाजपा में महासचिव बनाईं गईं. उन्हें महाराष्ट्र जैसे महत्वपूर्ण राज्य का प्रभारी भी बनाया गया.
बहरहाल, दोबारा सरकार गठन के साथ ये खबर भी आ रही है कि सरोज दीदी को केंद्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्री या विदेश मंत्री जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय सौंपा जा सकता है.
कहा जाता है कि इससे पहले भी उन्हें केंद्र सरकार में शामिल होने का मौका मिला था लेकिन उस दौरान उन्होंने इसे नकार दिया. दूसरी ओर उन्हें छत्तीसगढ़ के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर देखा जाने लगा.
उन्होंने भी इन संभावनाओं को कभी नकारा नहीं. बीते विधानसभा चुनाव तक संभावनाएं प्रबल थीं कि वे प्रदेश की भावी मुख्यमंत्री हो सकतीं हैं. हालांकि विधानसभा चुनावों में हार के बाद यह सब खारिज हो गया.
केंद्र में मंत्री पद की बात करें तो छत्तीसगढ़ से केंद्र में सबसे प्रभावशील मंत्री कांग्रेस के विद्याचरण शुक्ल रहे हैं. वे इंदिरा सरकार ने सू्चना एवं प्रसारण मंत्रालय संभालते थे.
उनका रुतबा भी काफी था. एक वक्त था कि उन्होंने रेडियो में किशोर कुमार के गाने महज इसलिये बैन कर दिए थे क्यूंकि उन्होंने कांग्रेस का प्रचार करने से इंकार कर दिया था. उस दौरान एक प्रतिष्ठित अखबार ने शुक्ल को भारत का भावी प्रधानमंत्री तक करार दिया था.
अगर सरोज दीदी मोदी सरकार का हिस्सा बनकर केंद्र सरकार में शामिल होती हैं तो एक तरह से वे छत्तीसगढ़ की रुतबेदार राजनीतिक विरासत संभालेंगी.
हालांकि शुक्ल के बाद और भी कई नेता हुए जिन्होंने केंद्र में प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया मगर ये सभी महज औपचारिक जिम्मेदारियां संभालते रहे. अब जाकर अास जागी है कि देश में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व भी अपनी छाप छोड़ेगा.