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रायपुर.
ईओडब्लू के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के लिए अनचाही मुसीबत सामने आ गई है. स्टेनो रेखा नायर को हाईकोर्ट से मिली राहत उनके लिए परेशानी का सबब खड़ा कर सकती है.
दरअसल, बिलासपुर हाईकोर्ट से राहत के लिए जो याचिका ईओडब्लू की स्टेनो रेखा नायर द्वारा दायर की गई थी उसमें ईओडब्ल्यू के लगभग सभी वरिष्ठ अधिकारियों व अन्य के नाम शामिल हैं सिवाए आईजी के.
इस मामले में कोई भी इस बिंदु को महज छोटा सा तथ्य कहे तो यह गलत होगा.
सवाल यहीं से शुरु होते हैं कि रेखा नायर की याचिका में विभाग के सभी पुलिस अधिकारियों के नाम शामिल हैं तो आईजी इससे अछूते कैसे रहे?
यहां दूसरा सवाल आ खड़ा होता है कि क्या स्पेशल डीजी मुकेश गुप्ता का वरदहस्त लिए यहां तक पहुंची रेखा नायर के तार अब भी ईओडब्लू अधिकारियों से जुड़े हुए हैं?
तीसरा सवाल क्या आईजी उस टीम में हैं जिनके खिलाफ सरकार और तंत्र मोर्चा खोले तैयार खड़ा है?
इन सारी ही परिस्थितियों में आईजी घिरते दिखते हैं. कोई बड़ी बात नहीं कि सरकार या तंत्र के वरिष्ठ अधिकारी उन्हें इस मसले पर तलब कर जवाब मांगे.
बहरहाल, यह तो एक परिस्थिति है. दूसरी परिस्थिति की ओर यदि आपका ध्यान आकृष्ट कराया जाए तो आप जरा भी विश्वास नहीं कर पाएंगे.
क्या स्पेशल डीजी और ईओडब्लू के आईजी के बीच कोई संबंध हैं? यदि इसका जवाब हां में मिलता है तो रेखा नायर की याचिका बाद निर्मित हुई स्थिति समझी जा सकती है.
लेकिन यदि जवाब न में आता है तो एक अलग तरह की परिस्थिति निर्मित होती है. क्या आईजी को निपटाने के लिए स्पेशल डीजी के इशारे पर रेखा नायर ने उन्हें अपनी याचिका में पक्षकार नहीं बनाया है?