मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से लोकसभा चुनाव लड़ रहे दिग्विजय सिंह व प्रज्ञा ठाकुर की लड़ाई ने माहौल को रोमांचक कर दिया है. स्वयं को साध्वी कहलाना पसंद करने वाली प्रज्ञा ठाकुर ने सिहोर में भाजपा कार्यालय के शुभारंभ के अवसर पर दिग्विजय सिंह के संबंध में कहा था कि अब फिर से ऐसे आतंकी का समापन करने के लिए, फिर से ऐसे बेरोजगारी को बढ़ाने वालों के समापन करने के लिए एक संन्यासी को खड़ा होना पड़ा है. शुक्रवार को जब संघ कार्यालय समिधा में बैठक के बाद प्रज्ञा बाहर निकली तो उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में यह कह दिया है दिग्विजय सिंह को उन्होंने आतंकी कभी नहीं कहा. यह दूसरी मर्तबा है जब प्रज्ञा ठाकुर अपनी बयान से पलटी हैं. पूर्व में वह आईपीएस हेमंत करकरे के संबंध में दिए गए अपने बयान को लेकर विवादित हो गई थी तो उन्होंने माफी मांगकर मामले को शांत किया था.