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रायपुर.
छत्तीसगढ़ का ईओडब्ल्यू प्रदेश के स्पेशल डीजी और उनकी सहयोगी रहीं स्टेनो के मामले में क्या वाकई गंभीर है?
क्या वाकई ईओडब्ल्यू दोनों को सजा दिलाना चाहता है? दोनों के संदर्भ में जाने अनजाने में हुईं गलतियों को सुधारने ईओडब्ल्यू जरा भी गंभीर है?
इन चंद सवालों के जवाब ढूंढ़ने के दौरान बरबस ही यह लिखना पढ़ रहा है कि ये क्या कर रहा है ईओडब्ल्यू . . ?
सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि आईपीएस मुकेश गुप्ता व स्टेनो रेखा नायर के मामले में ईओडब्ल्यू की सफेद कमीज पर बहुत से दाग हैं.
विज्ञापन में दाग भले ही अच्छे हो सकते हैं लेकिन यहां बात कार्यवाही की हो रही है.
ईओडब्ल्यू ने प्रदेश के स्पेशल डीजी मुकेश गुप्ता व स्टेनो रेखा नायर के संदर्भ में जो कार्यवाही की है वह स्वयं उसे कटघरे में खड़ी कर रही है.
तीन बिंदुओं में समझिए कहां गलत है ईओडब्ल्यू
1. पुलिस के द्वारा आरोपी का बयान लेना विधिसंगत नहीं माना जाता है.साक्ष्य के रूप में न्यायालय में प्रस्तुत भी नहीं किया जा सकता है.
ज्ञात हो कि मामले में आईपीएस व स्टेनो आरोपी हैं.
2. हाईकोर्ट की राहत के बाद दोनों को गिरफ्तार भी नहीं किया जा सकता है.
3. गिरफ्तार किए बिना मेमोरंडम भी नहीं बनाया जा सकता है.
इन्हीं बिंदुओं पर पुलिस बुलाती है लेकिन जब गिरफ्तार नहीं कर सकती , मेमोरंडम नहीं बना सकती तो ईओडब्ल्यू ने आईपीएस गुप्ता व स्टेनो नायर को बुलाया क्यूं ?
ईओडब्ल्यू आखिर इनसे कौन सी पूछताछ कर रही है, कौन से बयान ले रही है ?
क्या आईपीएस मुकेश गुप्ता, स्टेनो रेखा नायर को बचाने इस तरह की गल्तियां ईओडब्ल्यू दोनों के इशारे पर कर रहा है?
बहरहाल लगता है ईओडब्ल्यू भारी तनाव में है. वह हर हाल में अपने आप को पाकसाफ बताने की कोशिश कर रहा है लेकिन जितनी उसकी कोशिश हो रही है उतना ही वह उसमें उलझता चला जा रहा है.