कहीं चुनावी मुद्दा न बन जाए बिजली कटौती

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भोपाल.

ऐन लोकसभा चुनाव के समय हो रही बिजली कटौती ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के कान खड़े कर दिए हैं. उनके द्वारा बुलवाई गई खुफिया रपट में छिंदवाड़ा सहित बड़े नेताओं के प्रभाव वाले जिले में हो रही कटौती को लेकर चेताया गया है.

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2003 में जब प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार हुआ करती थी तब सड़क-पानी सहित बिजली कटौती ने अपना असर दिखाया था. उस समय सरकार में आई भाजपा पंद्रह सालों तक जमी रही थी.

अब जबकि पंद्रह साल बाद मध्यप्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार आई है तब एक बार फिर से बिजली कटौती होने लगी है. यह सिलसिला मार्च से लगातार जारी है. 18 जिले इससे प्रभावित हैं. कहीं ट्रिपिंग तो कहीं मेंटेनेस के नाम पर बिजली गुल हो रही है.

जेई निलंबित, डीई को नोटिस जारी

लोकसभा चुनाव के समय हो रही बिजली कटौती से मुख्यमंत्री कमलनाथ अचंभित हैं. उन्होंने खुफिया रपट तलब की है.

राज्य के अपर मुख्य सचिव आईसीपी केशरी ने सभी जिलों के अधीक्षण यंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग में चर्चा भी की है.

इधर खुफिया एजेंसी ने भी सरकार को एक रपट सौंपी है. इस रपट में उल्लेख किया गया है कि अघोषित बिजली कटौती से जनता रूष्ट हुए जा रही है. लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ सकता है.

बताया जाता है कि प्रदेश की राजधानी सहित जबलपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, नरसिंहपुर, अनूपपुर, सागर ऐसे जिले हैं जहां ग्रामीण उपभोक्ताओं को चार से छ: घंटे बिजली नहीं मिल पा रही है.

और तो और मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्वाचन जिले छिंदवाड़ा में भी अघोषित कटौती का सिलसिला जारी है. छिंदवाड़ा में तकरीबन छ: से सात घंटे ग्रामीण उपभोक्ताओं को बिजली के लिए तरसना पड़ रहा है.

यही हाल छिंदवाड़ा के समीपस्थ जिले बालाघाट सहित मंडला, हड़दा, टीकमगढ़ का भी है. बिजली कटौती को लेकर मिली रपट के बाद चीफ इंजीनियर प्रकाश दुबे ने छिंदवाड़ा जिले की समीक्षा की है.

दुबे की समीक्षा में पाया गया कि बिछुआ, कपुरदा, चांद-चौराई जैसे क्षेत्र में घंटों बिजली कटौती की शिकायत सही पाई गई. इस पर उन्होंने जेई मनोज तिवारी को निलंबित कर दिया है. पांडुरना के डीई को नोटिस जारी की गई है.

ऊर्जामंत्री प्रियव्रत सिंह कहते हैं कि जानबूझ कर अधिकारियों द्वारा जहां पर भी लापरवाही की जा रही है वहां प्रदेश सरकार निर्णय ले रही है. जेई को इसी मामले में निलंबित किया गया है.

सिंह के अनुसार विदिशा, खंडवा, बड़वानी, धार, इंदौर जैसे जिलों से शिकायतें आई थी जिन्हें तत्काल दूर करा लिया गया है. कहीं पर भी नियमित रूप से अघोषित कटौती नहीं हो रही है.

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