छत्तीसगढ़ के मरवाही में भाजपा कार्यकर्ता चंद्रिकाप्रसाद तिवारी की मौत के बाद बवाल मचा हुआ है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इसे हत्या का मामला करार दिया है. पुलिस मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए इसे एक सामान्य हृदयघात से हुई मौत बता रही है. नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने भाजपा कार्यालय में आज प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने मरवाही थाना प्रभारी पर 302 का अपराध दर्ज करने की मांग की है. पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने पुलिस कस्टडी में मौत से इनकार किया है. इनके अनुसार धारा 151 के तहत चंद्रिकाप्रसाद तिवारी को पुलिस थाने में पूरी रात रखा गया था. अगले दिन उसे कोर्ट में पेशकर जमानत प्रक्रिया पूरी कराई गई. तहसील कार्यालय में ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा और देखते ही देखते उनकी मौत हो गई. कहीं कोई मारपीट और पुलिस अत्याचार का सवाल ही नहीं उठता है. उन्होंने थाना प्रभारी द्वारा थाने में बैठाने के पूर्व चंद्रिका का मुलायजा नहीं कराने को एक गंभीर लापरवाही मानते हुए लाइन अटैच कर दिया है. बहरहाल मामले की जांच सक्षम राजपत्रित अधिकारी से कराई जा रही है.