छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली ब्लास्ट में शहीद हुए विधायक भीमा मंडावी को घटना से पहले पुलिस ने कुआकोंडा जाने के लिए दुर्घटना वाले रास्ते का उपयोग करने से मना किया था. इसके बावजूद मंडावी उसी रास्ते से कुआकोंडा गए. यह खुलासा राज्य के डीजीपी डीएम अवस्थी ने घटना के बाद पत्रकारवार्ता में किया.
अवस्थी ने कहा कि घटना से एक घंटे पहले ही कुआकोंडा थाने के टीआई ने उन्हें बचेली वाले रास्ते का उपयोग न करने के लिए कहा था. मंडावी को आज दोपहर तक जेड प्लस सिक्योरिटी के साथ ही 50 डीआरजी के जवानों की सुरक्षा व्यवस्था भी दी गई थी लेकिन चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद ये जवान वापिस आ गए. साथ ही पुलिस का कहना है कि मना करने के बावजूद मंडावी बिना पुलिस को बताए उसी रास्ते पर आगे निकल गए. किरंदुल पार्टी कार्यालय से विधायक भीमा मंडावी बचेली के लिए निकले.एक मिनट 29 सेकंड कुआकोंडा टीआई से बात हुई टीआई ने उस इलाके में जाने के लिए मना किया. उसके बावजूद वो उस इलाके में गए है. उन्होंने शॉर्टकट रास्ता लिया. वो कल भी उसी रास्ते से गए थे.