लोकसभा चुनाव के बाद अजीत जोगी की कांग्रेस वापसी तय मानी जा रही है. दरअसल सारा मसला लोकसभा चुनाव में लगे कांग्रेस के उन प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं से जोड़ कर देखा जा रहा है जो कि जोगी की कांग्रेस वापसी हो जाने से नाराज हो सकते थे. इसके चलते जोगी को लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस से बाहर रहने दिया गया है. इसके बावजूद अजीत जोगी के खास समर्थकों को धीरे धीरे कर कांग्रेस में वापस लाया जा रहा है. इससे उन कार्यकर्ताओं के रूख का भी अहसास पार्टी कर लेना चाहती है जो जोगी के पार्टी छोड़कर बाहर जाने के बाद से इन दिनों कांग्रेस में सक्रिय हैं. बताया जाता है कि अजीत जोगी ने यूपीए की चेयरपर्सन श्रीमति सोनिया गांधी से अनुमति भी ले ली है लेकिन पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी उनकी राह में रोड़ा हैं. राहुल गांधी को अजीत जोगी कैसे और कब तक समझा पाते हैं इस पर निगाह लगी हुई है. दरअसल अजीत जोगी ने लोकसभा चुनाव में खुद की पार्टी के किसी भी प्रत्याशी को खड़ा न कर कांग्रेस की मदद की है. उन्होंने स्वयं का नाम कोरबा लोकसभा से चलाकर एन वक्त पर चुनाव लडऩे से मना कर दिया. कांग्रेस की नाराजगी अजीत जोगी से ज्यादा इन दिनों बसपा से है और जोगी ने उससे किनारा कर लिया है.