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सिवनी.
मजदूर के मिस्त्री बेटे के आईएएस बनने की कहानी सिवनी जिले में घटित हुई है. सिवनी के घंसौर में रहने वाले सुमीत विश्वकर्मा ने यूपीएससी की परीक्षा में 53वीं रैंक अर्जित की है.
महत्वपूर्ण बात यह है कि मजदूर का बेटा होने से ज्यादा सुमीत स्वयं मजदूरी करके इस मुकाम तक पहुंचा है. उसके पिता ने उसे पढ़ाने कोई लोन नहीं लिया बल्कि उसने खुद मजदूरी करके अपनी पढ़ाई जारी रखी थी.
सुमीत बताते हैं कि उनसे फाइनल इंटरव्यूय में ओके का फुलफार्म पूछा गया था. सुमीत ने जवाब दिया था कि आब्जेक्शन किल्ड… इसी अनूठी सोच ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है.
सुमीन ने जिस इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई की उसी इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन निर्माण में उसने मजदूरी की है. बीई और एमटेक कर चुके सुमीत पिता के साथ मिस्त्री काम करते रहे हैं.
सुमीत ने बताया कि 20 साल पहले पिता कृष्ण कुमार विश्वकर्मा और मां शशि विश्वकर्मा गांव से अच्छे रोजगार के लिए जबलपुर आ गए थे. पिता मजूदरी-मिस्त्रीगिरी करते थे तो उनके साथ मैं भी काम करने लगा.
पिछले 10 साल से मिस्त्री का काम कर रहा था. दिन में काम करता और रात में 8 से 10 घंटे पढ़ाई करता. जब रिजल्ट आया तो पत्नी रश्मि विश्वकर्मा भी बोली- यकीन ही नहीं होता. मेरे भाई मनीष विश्वकर्मा फॉरेस्ट में हैं.
उन्होंने हमेशा मोटिवेट किया. वहीं विजय यादव जिनके अंडर मेरे पिता सालों से काम कर रहे हैं, उन्होंने भी पढ़ाई के लिए मदद की और मेरी शादी कराई.