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रायपुर.
राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) व एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) चीफ रहते हुए आईपीएस मुकेश गुप्ता की नजदीकी रहीं सूबेदार-एम श्रीमति रेखा नायर की सेवा पुस्तिका-अभिलेख में कई तरह की त्रुटियां, कमियां पाई गई हैं. इस संबंध में ईओडब्ल्यू के डीजी वीके सिंह ने दुर्ग एसपी को पत्र लिखकर जानकारी तलब की है.
पुलिस की अधिकारिक जानकारी के मुताबिक सूबेदार-एम श्रीमति रेखा नायर लगातार विवादों में उलझती जा रहीं है. आईपीएस गुप्ता की सहयोगी रही रेखा नायर की भर्ती सहायक उपनिरीक्षक-एम के पद पर दुर्ग जिले में हुई थी.
सात बिंदुओं पर मांगी जानकारी
विभाग के जानकार बताते हैं कि ईओडब्ल्यू-एसीबी के डीजी वीके सिंह ने सात बिंदुओं पर दुर्ग एसपी से जानकारी तलब की है.
बताया जाता है कि सेवा पुस्तिका के दो-भर्ती पत्रक में श्रीमति नायर के पिता का नाम दर्ज नहीं है. इसी तरह चयन उपरांत श्रीमति नायर का चरित्र सत्यापन कराने संबंधी कोई प्रविष्टि अथवा चरित्र सत्यापन रिपोर्ट, सेवा पुस्तिका-सेवाभिलेख अथवा व्यक्तिगत नस्ती में नहीं है.
उस समय के स्थापना लिपिक से खुलासा कराकर अथवा रिकार्ड उपलब्ध होने पर उसे स्वयं के समक्ष प्रस्तुत करने लिखा गया है. दो-भर्ती पत्रक में श्रीमति रेखा नायर की शैक्षणिक योग्यता बीकॉम-द्वितीय अंकित है. जबकि सेवा पुस्तिका में केवल बीकॉम-द्वितीय की अंकसूची व टायपिंग-कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रमाण पत्र की छायाप्रति संलग्र है.
बीकॉम-द्वितीय के पूर्व की शैक्षणिक योग्यताओं की अंकसूची संलग्र नहीं है. बीकॉम-द्वितीय के अलावा सेवा पुस्तिका में हिंदी व अंग्रेजी टायपिंग उत्तीर्ण प्रमाण पत्र की छायाप्रति संलग्र बताई गई है.
हिंदी टायपिंग उत्तीर्ण होने के दो प्रमाण पत्र हैं. जिनमें से पहला प्रमाण पत्र केरल हिंदी प्रचार सभा तिरूवनंतपुरूम द्वारा 1 जुलाई 1983 को जारी किया गया है. इसमें टायपिंग परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने का लेख है.
इस पर भी आपत्ति उठाई गई है. दरअसल टायपिंग परीक्षा प्रतिमिनट में कितने शब्द टाइप करने की क्षमता है के बारे में लेख किया जाता है. रेखा नायर के प्रमाण पत्र में इस तरह का कोई उल्लेख नहीं है. इन सभी बिंदुओं पर दुर्ग एसपी से जवाब मांगा गया है.