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रायपुर.
छत्तीसगढ़ की सरकार कितनी संवेदनशील है यह यदि जानना हो तो यज्ञ साहू के प्रकरण को देखिए. आरक्षक यज्ञ साहू ने पेट्रोल छिड़ककर 23 मार्च को आग लगा ली थी. तब से लेकर आज तक अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं लेकिन आज दिनांक तक किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वह भी तब जब मृतक आरक्षक भी साहू है और प्रदेश का गृहमंत्री भी साहू है.
आरक्षक यज्ञ साहू की तैनाती गिधपुरी चौकी में थी. 23 मार्च को थाना परिसर में खुद को आग के हवाले करने वाले यज्ञ ने 31 मार्च को दम तोड़ दिया था. आज मौत के बाद यज्ञ का शव बलौदाबाजार जिले के पवनी गांव लाया गया.
बिलखती मां के आरोप
शव के पवनी गांव पहुंचते ही सन्नाटा पसर गया. यज्ञ ने छ: साल पहले पुलिस सेवा में प्रवेश किया था. पहले वह गिरौधपुरी पुलिस चौकी में पदस्थ था. फिलहाल गिदपुरी थाने में पदस्थ था.
यज्ञ साहू के शव को देखने के बाद उसकी मां और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल था. मां ने तो बिलखते हुए गिरौधपुरी चौकी प्रभारी एएसआई अश्वनी पड़वार पर आरोप लगाया कि उसने उसके बेटे को इतना प्रताडि़त किया कि वह दुनिया से चल बसा.
मां के आरोप के मुताबिक एएसआई पड़वार ने गिधपुरी प्रभारी को उसके बेटे को परेशान करने और रगड़ कर ड्यूटी कराने कहा था. बेटे को परीक्षा में भी छुट्टी नहीं दी गई. छुट्टी मांगने पर उसके साथ गाली गलौज की जाती थी.
इसी के चलते उसके बेटे ने आत्महत्या की है. मां बाप के अलावा यज्ञ साहू की नवविवाहिता भी बेसुध हो गई है. वह कुछ भी कह नहीं पा रही है. उसका रो-रोकर बुरा हाल है.
इधर सहायक उपनिरीक्षक व थाना प्रभारी को यज्ञ साहू की मौत के पहले से जिम्मेदार बताया जाते रहा है लेकिन इन पर अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है. इससे आक्रोश पनप रहा है.
इस मामले में हमने बलौदाबाजार एसपी से बात करने का प्रयास किया लेकिन उनका नंबर कनेक्ट नहीं हो पाया. दूसरी ओर प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने अपना मोबाइल पिकअप ही नहीं किया. इससे मामला समझा जा सकता है कि किस हद तक सरकार गंभीर है.