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रायपुर.
प्रदेश की राजनीति को पूरे देशभर में चर्चित कर देने वाले अंतागढ़ टेपकांड में एक नया मोड़ सामने आया है. दरअसल टेप के बाद आज वीडियो की चर्चा होने लगी जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रीद्वय डॉ. रमन सिंह-अजीत जोगी का अंतागढ़ कनेक्शन सामने आने के दावे किए जा रहे हैं.
कांकेर जिले में एक विधानसभा क्षेत्र है अंतागढ़… इसी अंतागढ़ ने प्रदेश को राजनीतिक हल्कों में चर्चा में ला दिया था. अंतागढ़ विधानसभा उपचुनाव के दौरान हुई कथित खरीद-फरोख्त से जुड़ा यह मामला पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उनके दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता के साथ मंतूराम पवार से जुड़ा रहा है.
फिरोज ने एसआईटी के सुपुर्द किया
मामले की एक कड़ी फिरोज सिद्दीकी भी हैं. उसने आज सिविल लाइन कंट्रोल रूम पहुंचकर मामले की जांच कर रही पुलिस की एसआईटी टीम को एक वीडियो सौंपा है.
इस संबंध में फिरोज बताते हैं कि अब तक मामले में संदेह जताया जाते रहा है. दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के खिलाफ किसी तरह का साक्ष्य सामने नहीं आया था लेकिन अब फिरोज के बताए मुताबिक दोनों की मिलीभगत से मंतूराम पवार को बैठाया गया था.
इस वीडियो को फिरोज एथेंटिक बताते हैं. उनके मुताबिक तत्कालीन सरकार ने रोकने का भरपूर प्रयास किया था. इसके बावजूद एक माह बाद ऑडियो जारी हुआ था.
फिरोज के बताए मुताबिक अब तक रमन-अजीत पर आरोप लगते रहे थे. चूंकि दोनों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं था इसके चलते संदेह होते रहा था. वीडियो आ जाने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि दोनों की मिलीभगत से मंतूराम बैठाया गया था. वह इसे मामले का नया मोड़ बता रहे हैं.