नई दिल्ली :
आइडिया-वोडाफोन ने सोमवार को मर्जर का ऐलान किया. इस मर्जर से दोनों का इंडिया में बिजनेस एक हो जाएगा. इसके पीछे पांच बड़े कारण बताए जा रहे हैं.
पिछले साल सितंबर में मार्केट में आने के बाद जियो ने टेलीकॉम सेक्टर में सबको पीछे छोड़ दिया है. कम्पटीशन बढ़ गया है. जियो इफेक्ट के कारण एयरटेल पहले से ही छोटी कंपनियों के साथ अपने बिजनेस को मिला रहा है.
जियो के कारण बढ़ी कंपटीशन के चलते भारती एयरटेल ने पिछले चार साल में सबसे कम फायदा कमाया. अक्टूबर-दिसंबर के क्वार्टर में मुनाफे में काफी कमी आई. यही नहीं इस अवधि के दौरान देश के तीसरे सबसे बड़े प्लयेर आइडिया सेल्यूलर ने भी पहली बार घाटा सहा.
गौरतलब है कि एयरटेल ने नार्वे की कंपनी टेलीनॉर के भारतीय बिजनेस को खरीद कर खुद को मजबूत करने की कोशिश की है. इसके चलते आडिया और वोडाफोन पर और दबाव था. यदि वे साथ नहीं आते तो भारत में उनका बिजनेस बुरी तरह से प्रभावित होता.
आइडिया और वोडाफोन ने अपने बिजनेस को मिलाकर सबसे बड़े टेलीकॉम कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है. इससे दोनों का रेवन्यू 80 हजार करोड़ रुपए हो जाएगा.
वहीं सब्सक्राइबर्स के मामले में भी दोनों के नंबर यूजर्स में बढ़ोतरी होगी. वोडाफोन इंडिया के अभी 20 करोड़ कस्टमर्स हैं. वहीं आइडिया के पास 18 करोड़ कस्टमर्स हैं. दोनों मिल जाएंगे तो वे यूजर्स के मामले में भी देश की सबसे बड़ी कंपनी बन जाएंगे. एयरेटल अभी नंबर वन है जिसके पास 26.34 करोड़ यूजर्स हैं.