देव गुरु 29 मार्च 2019 शुक्रवार के दिन लगभग पांच महीने बाद एक बार फिर राशि परिवर्तन कर चुके हैं.
देव गुरु ने शुक्रवार की रात 8 बजकर 13 मिनट पर अपनी ही धनु राशि में प्रवेश किया है.
10 अप्रैल को गुरु वक्री होकर वृश्चिक में आएंगे. इसके बाद साल के अंत में यानी 4 नवंबर को धनु में वापस लौटेंगे.
गुरु के राशि परिवर्तन से सभी राशियों पर इसका असर पड़ेगा. करियर, शिक्षा, धन में तरक्की के साथ जल्दी विवाह होने में मदद मिलेगी.
गुरु सभी मनोकामनाओं को पूरे करेंगे. सभी राशि के लोगों के जीवन में बदलाव आऐंगे.
किस राशि पर क्या प्रभाव पडेगा ?
मेष-
गुरु के राशि परिवर्तन से मेष राशि के लोगों को कार्यों में सफलता मिलेगी. पढ़ाई अच्छी होगी. धन का लाभ होगा. पति और संतान से सुख मिलेगा.
वृषभ-
गुरु के राशि परिवर्तन करने से इस राशि के लोगों के खर्च कम होंगे. पति और संतान से क्लेश होने की स्थितियां बनेंगी. मीठे फल का दान करने से लाभ होगा.
मिथुन-
मिथुन राशि के लोगों को नौकरी, व्यापार में तरक्की मिलेगी. नए दोस्त काम आएंगे. संतान को लाभ होगा. गुड़ का दान करें.
कर्क-
कर्क राशि के लोगों की चिंताएं बढ़ जाएंगी. पति संतान से लाभ नहीं होगा. संघर्ष और बेकार की दौड़भाग से मुक्ति मिलेगी. लड्डू का दान करते रहें.
सिंह-
सिंह राशि के लोगों का अच्छा समय आ गया है. नौकरी पढ़ाई अच्छी चलेगी. दांपत्य सुख बढ़ेगा. पीले वस्त्र पहनें.
कन्या-
कन्या राशि के लोगों के जीवन में संघर्ष बढ़ेगा, बहुत मेहनत करने के बाद ही धन लाभ होगा. कार्यों में रुकावट रहेगी.
तुला-
तुला राशि के लोगों को धन लाभ के लिए कष्ट करना पड़ेगा. मित्र काम नहीं आएंगे. शादी में रुकावट होगी. मान सम्मान बढ़ेगा. कलाई में पीला धागा पहनने से लाभ होगा.
वृश्चिक-
इस राशि के लोगों का मान सम्मान बढ़ेगा, जिससे तनाव कम होगा. धन के लिए काम करना पड़ेगा. क्लेश ना करें.
धनु-
संघर्ष से काम अच्छा होगा. प्रोमोशन में रुकावट आएगी. वेतन नहीं बढ़ेगा. गुरुवार को हल्दी और दूध दान करते रहें.
मकर-
गुरु के राशि परिवर्तन से मकर राशि के लोगों की घरेलु उलझनें और तनाव बढ़ जाएंगे. सेहत में सुधार होगा. क़र्ज़ कम होगा. गुरु जनों की सेवा से सब ठीक होगा.
कुंभ-
सभी परेशानियां दूर होंगी. धन लाभ होगा. शत्रु से बचाव होगा. पूजा पाठ करें. गुरुवार को मंदिर जाएं.
मीन-
मन की परेशानी दूर होगी. नौकरी में उन्नति होगी. रोग और शत्रु से मुक्ति मिलेगी.
( होए वही जो राम रची राखा )