ईओडब्ल्यू पर भरोसा नहीं रहा सरकार का !

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नेशन अलर्ट, 97706-56789

रायपुर.

छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार को लगता है अपने ही अधीन काम करने वाली ईओडब्ल्यू-एसीबी जैसी विंग पर भरोसा नहीं रह गया है.

तभी तो पूर्व मुख्यमंत्री के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता के कथित तौर पर भ्रष्टाचार के मामले को सरकार ने रायपुर पुलिस के सुपुर्द किया है.

उल्लेखनीय है कि डॉ. पुनीत गुप्ता इन दिनों बेहद विवादों में चल रहे हैं. डॉ. गुप्ता रिश्ते में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सगे दामाद हैं.

उन पर आरोप है कि उन्होंने दाऊ कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के अधीक्षक रहते हुए तकरीबन 50 करोड़ रूपए की वित्तीय अनियमितता की है.

पहले एफआईआर फिर नोटिस

इधर इस मामले में प्रदेश सरकार जांच कराने पर लगी हुई है. उसके निर्देश पर डॉ. पुनीत गुप्ता के खिलाफ डीकेएस हॉस्पिटल के नए अधीक्षक डॉ. केेके सहारे ने पहले पुलिस में रपट दर्ज कराई.

डॉ. सहारे द्वारा की गई शिकायत पर रायपुर पुलिस ने तकरीबन 50 करोड़ रूपए घपले पर एफआईआर दर्ज कर ली है. तकरीबन सप्ताह भर पूर्व दर्ज एफआईआर पर डॉ. पुनीत गुप्ता को पुलिस ने नोटिस जारी कर बुधवार को बयान के लिए तलब किया है.

बताया जाता है कि यदि पुनीत गुप्ता बयान के लिए उपस्थित नहीं हो पाते हैं तो उन्हें पुलिस गिरफ्तार भी कर सकती है.

और तो और गृह मंत्रालय को पत्र लिखने के साथ ही कोर्ट में लुकआउट सर्कुलर नोटिस जारी करने का अनुरोध भी पुलिस करने की तैयारी में लगी हुई है.

डॉ. पुनीत गुप्ता द्वारा की गई कथित गड़बड़ी को लेकर डीकेएस के हालिया अधीक्षक डॉ. केके सहारे से बयान लिया जा चुका है. सोमवार को पुलिस ने उनसे तकरीबन साढ़े पांच घंटे पूछताछ की थी.

क्यों भरोसा नहीं रहा?

अब महत्वपूर्ण सवाल इस बात का उठता है कि सरकार को अपने ही अधीन आने वाली ईओडब्ल्यू-एसीबी जैसी विंग पर क्यूं कर भरोसा नहीं रह गया है?

इसके पीछे हाल के दिनों में हुए विवाद महत्वपूर्ण बताए जाते हैं. पहले ईओडब्ल्यू के आईजी रहे एसआरपी कल्लूरी की पदस्थापना से जुड़ा विवाद सरकार के सामने आया था.

इसके बाद हाईकोर्ट ने जो टिप्पणी की उसके चलते कल्लूरी ईओडब्ल्यू से हटा दिए गए. इन दिनों आईजी जीपी सिंह को कल्लूरी के स्थान पर पदस्थ किया गया है. ईओडब्ल्यू के डीजी वीके सिंह बनाए गए हैं.

सरकार का भरोसा संभवत: इस बात के कारण भी ईओडब्ल्यू पर नहीं बन पाया है कि मामला डॉ. गुप्ता के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार से जुड़ा हुआ है. दरअसल ईओडब्ल्यू पहले मुकेश गुप्ता के अधीन हुआ करता था.

कांग्रेस सरकार बनने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री के भरोसेमंद आईपीएस मुकेश गुप्ता को ईओडब्ल्यू से हटाकर बगैर किसी शाखा का प्रभार दिए पुलिस मुख्यालय अटैच किया गया. गुप्ता एक अन्य आईपीएस रजनेश सिंह के साथ निलंबित भी कर दिए गए.

दोनों के निलंबन के बाद आज दिनांक तक न तो दोनों की सामान्य तौर पर उपस्थिति दर्ज की गई है और न ही नोटिस तामिल हो पाई है. गिरफ्तारी तो बहुत दूर की बात है.

ईओडब्ल्यू में आईपीएस मुकेश गुप्ता की पकड़ अंदर तक बताई जाती है. उन्हें पल पल की जानकारी मिलती रही है. इसके मद्देनजर सरकार ने डॉ. पुनीत गुप्ता को घेरने ईओडब्ल्यू के स्थान पर रायपुर पुलिस को मामले की जांच सौंपी है.

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