नई दिल्ली:
केंद्रीय कैबिनेट ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) से जुड़े चार बिलों को मंजूरी दे दी है. अब ये बिल संसद भेजे जाएंगे. मंत्रिमंडल ने मुआवजा कानून, केंद्रीय-जीएसटी, एकीकृत-जीएसटी और केंद्रशासित क्षेत्र-जीएसटी को मंजूरी दी. जीएसजी से जुड़े विधेयक इस हफ्ते संसद में धन विधेयक के तौर पर पेश किए जाएंगे.
मंत्रिमंडल चार संबंधित विधेयकों मुआवजा कानून, केंद्रीय जीएसटी (सी-जीएसटी), एकीकृत जीएसटी (आई-जीएसटी), केंद्रशासित जीएसटी (यूटी-जीएसटी) को मंजूरी दे दी है. गौर हो कि 1 जुलाई से जीएसटी बिल लागू किए जाने की योजना है.
जीएसटी परिषद ने अपनी पिछली दो बैठकों में राज्य जीएसटी (एस-जीएसटी) के साथ चारों विधेयकों को मंजूरी दी है. एस-जीएसटी को प्रत्येक राज्य विधानसभा में पारित किया जाना है.
सरकार को उम्मीद है कि सी-जीएसटी, आई-जीएसटी, यूटी-जीएसटी तथा जीएसटी मुआवजा विधेयक संसद के मौजूदा सत्र में पारित हो जाएगा और एस-जीएसटी को जल्दी ही राज्यों के विधानसभाओं से मंजूरी मिल जाएगी जिससे नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को एक जुलाई से लागू करने में मदद मिलेगी.
जीएसटी परिषद व्यवस्था के तहत पहले ही 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार स्तरीय कर ढांचे का निर्णय कर चुकी है. इसके अलावा अहितकारी और लग्जरी वस्तुओं पर उपकर लगाया जाएगा.
इससे प्राप्त राशि का उपयोग राज्यों को वस्तु एवं सेवा कर के लागू होने के बाद राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये किया जाएगा. जीएसटी परिषद ने जीएसटी व्यवस्था के तहत पंजीकरण, भुगतान, रिफंड, चालान और प्रतिफल से जुड़े नियमों के पांच सैट को पहले ही मंजूरी दे दी है.