राजस्थान का छाजेड़ परिवार एक ऐसा परिवार है जिसमें बेटी को छोड़कर परिवार के अन्य सदस्यों ने दीक्षा ले ली है. अहोर निवासी विमल छाजेड़ ने पत्नी मंजू और बेटे विशाल के साथ दीक्षा ली है. छाजेड़ परिवार का एक सुपुत्र और एक सुपुत्री पहले ही दीक्षा ले चुके हैं. एकमात्र सुपुत्री ऐसी है जो कि विवाहित है. विमल परिवार करोड़ों की संपत्ति उसे सौंपकर सपरिवार वैराग्य के मार्ग पर बढ़ गया है. राजस्थान के अलावा दक्षिण भारत व गुजरात के दो परिवारों ने भी दीक्षा ली है. मोहनखेड़ा स्थित संयम वाटिका में आचार्यश्री जयानंद सूरीश्वरजी, आचार्यश्री ऋषभचंद्र सूरीश्वरजी द्वारा इन्हें दीक्षा दिलाई गई. दीक्षार्थियों में 9 व 14 साल की दो बेटियों सहित एलएलबी कर चुके यतींद्र मूथा परिवार के इकलौते पुत्र भी शामिल है. नेल्लोर (आंध्रप्रदेश) के संजय रामाणी (42), पत्नी पिंकी (38), पुत्री प्रार्थना (14) व भतीजी निष्ठा दीपक रामाणी (9) ने दीक्षा ली है.