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जयपुर.
लोकसभा चुनाव के ठीक पहले अब जाटों ने आरक्षण आंदोलन को लेकर हुंकार भर दी है. इसकी तिथि अभी तय नहीं की गई है लेकिन पानी और आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन की चेतावनी भरतपुर-धौलपुर जिलों में दी जा रही है.
जाट व किसान नेता इन जिलों में प्रचार प्रसार में लगे हुए हैं. इनका भाजपा सहित कांग्रेस पर आरोप है कि झूठ बोलकर इन्होंने सत्ता हथियाई है. आम चुनाव 2019 में झूठी पार्टियों को सबक सिखाने की बात कही गई है.
मांग रहे यमुना नहर से पानी
भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण समिति के संयोजन नेमसिंह फौजदार बताते हैं कि जिले में कोई उद्योग धंधा नहीं है. सिर्फ खेती भरोसे ही किसान रहते हैं. विभिन्न कारणों से यदि फसल बर्बाद हो गई तो किसान के हाथ खाली रहते हैं.
उन्होंने कहा कि पच्चीस साल से हरियाणा स्थित गुडग़ांव केनाल के जरिए यमुना नहर से पानी की मांग कर रहे हैं लेकिन किसी सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया.
राजस्थान के 33 जिलों में भरतपुर-धौलपुर दो मात्र ऐसे जिले हैं जहां ओबीसी में आरक्षण का लाभ जाटों को नहीं मिल रहा है. फौजदार के शब्दों में 2017 में ओबीसी में आरक्षण दिया गया था.
जब से राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी है तब से दोनों जिले के जाटों को आरक्षण देने के लिए चि_ी लिखने में कोताही बरती जा रही है. जबकि कांगे्रस ने वायदा किया था कि जाटों को आरक्षण मिलेगा.
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों के साथ जाट समाज शीघ्र पैदल मार्च कर लोगों को जागरूक करने अभियान चलाएगा. तिथि तय कर जाट आरक्षण आंदोलन की घोषणा की जाएगी ताकि दोनों पार्टियों को सबक सिखाया जा सके.