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भोपाल.
स्वामी नामदेव त्यागी के साथ जल्दबाजी हुई या फिर वे फिर ठग लिए गए हैं? यह सवाल आज मध्यप्रदेश के राजनीतिक व धार्मिक हल्कों में तैरता रहा. दरअसल कंप्यूटर बाबा के नाम से पहचाने जाने वाले त्यागी की नियुक्ति अटक गई है.
कंप्यूटर बाबा इन दिनों मध्यप्रदेश की राजनीतिक फिजा में अलग अलग रंग बिखेर रहे हैं. तत्कालीन शिवराज सिंह सरकार में उन्होंने राज्य मंत्री का दर्जा भी प्राप्त कर लिया था.
अवैध हुई नियुक्ति
कंप्यूटर बाबा की पटरी शिवराज सिंह के साथ नहीं बैठी. एन विधानसभा चुनाव के पहले उन्होंने कांग्रेस की ओर पलटी मार दी. इसका फायदा भी उन्हें मिला और ऐन लोकसभा चुनाव के पहले उनकी नियुक्ति नर्मदा, क्षिप्रा, मंदाकिनी नदी न्यास के अध्यक्ष बतौर कर दी गई.
कमलनाथ सरकार ने नियुक्ति कर तो दी लेकिन अध्यात्म विभाग मंत्रालय द्वारा जारी किया गया आदेश गलत तारीख के चलते खटाई में पड़ गया है. 8 मार्च 2019 के स्थान पर इस आदेश में 8 मार्च 2018 की तारीख अंकित है.
अब इसके चलते इसकी नियुक्ति ही अवैध हो गई है. चूंकि 8 मार्च 2018 की दिनांक में न तो मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार थी और न ही अध्यात्म विभाग. इसके चलते कंप्यूटर बाबा आज दिनांक तक सामान्य बाबा ही रह गए हैं.
उल्लेखनीय है कि शिवराज सिंह सरकार ने स्वामी नामदेव त्यागी को 3 अपै्रल 2018 को राज्य मंत्री का दर्जा दिया था. हालांकि कुछ ही दिनों में भाजपा सरकार से मोह भंग हुआ और कंप्यूटर बाबा गंभीर आरोप लगाते हुए 1 अक्टूबर 2018 को पद छोड़ आए थे. तब उन्होंने कांग्रेस का प्रचार किया था और इसी कड़ी में उनकी नियुक्ति हुई थी.