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बीजापुर.
डायरिया का प्रकोप पोटा केबिन के बच्चों में कहर बरपा रहा है. बालक आवासीय विद्यालय के बच्चे गत तीन दिनों से डायरिया से जूझ रहे हैं.
स्थिति इस हद तक नाजुक है कि करीब 11 बच्चों को जिला अस्पताल में भरती कराया गया है. जबकि आवापल्ली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अन्य बच्चे अपना उपचार करा रहे हैं.
50 बच्चे प्रभावित
दुगईगुड़ा में बालक आवासीय विद्यालय संचालित है. यह स्थान उसूर ब्लाक अंतर्गत आता है. इस विद्यालय के करीब 50 बच्चे तीन दिनों से दस्त से पीडि़त हैं.
बच्चों व शिक्षकों के माध्यम से मिली जानकारी के मुताबिक सोमवार की सुबह कुछ बच्चों को दस्त की शिकायत हुई थी. उसी दिन तकरीबन 20 बच्चों को आवापल्ली स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केेंद्र में भरती कराया गया.
मंगलवार को दस बच्चे फिर पीडि़त हो गए. इन सभी को जिला अस्पताल में भरती कराना पड़ा है. सीएमएचओ डॉ. बीआर पुजारी मंगलवार और बुधवार को दुगईगुड़ा स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पहुंचे थे.
दुगईगुड़ा में उन्होंने एक चिकित्सीय टीम तैनात कर दी है. जिला मिशन समन्वयक ए बसमइया, एपी सिंह मारूति कापेवार, बीआर सिंह, आरडी झाड़ी ने बच्चों से बातचीत की है.
पीएचई को भेजा जाएगा सेंपल
मेडिकल टीम ने दुगईगुड़ा पोटा केबिन में सप्लाई हो रहे पानी का सेंपल लिया है. इसे जांच के लिए पीएचई को भेजा जाएगा. सीएमएचओ डॉ. पुजारी को आशंका है कि पानी के प्रदूषित होने के चलते ऐसा हुआ होगा.
डीएमसी बसमइया कहते हैं कि रविवार रात को अंडे की तरकरी बनाई गई थी. जिन बच्चों ने तरकरी नहीं खाई उन्हें भी दस्त की शिकायत आई है. बच्चों को खतरे से बाहर बताते हुए उन्होंने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है.
अस्पताल में दाखिल बच्चों में नेंड्रा निवासी कारम भीमा छठवी, कारम मोटू पहली, गोंदपल्ली निवासी राहुल पुनेम दूसरी, आवापल्ली निवासी तुलेश्वर कुंजाम चौथी, गेलूर निवासी राजकुमार पहली, चांवलडोडी निवासी नागेश मोडिय़म पांचवी, पेंकरम निवासी संदीप कोरचा पहली, जिनेपा निवासी माड़वी महेंद्र पांचवी, बुडग़ीचेरू निवासी आजाद मरकाम पहली, लंकापल्ली निवासी रवि सोड़ी छठवी शामिल बताए गए हैं. इनमें से कुछ बच्चों को स्वस्थ होने पर पोटा केबिन भेज दिया गया है.