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रायपुर.
अनुपातहिन संपत्ति बटोर चुकी रेखा नायर प्रशासनिक पकड़ से दूर हैं. ईओडब्लू में पदस्थ रही रेखा को बीते चार सालों से किसी ने नहीं देखा. लेकिन अब उनके कारनामे उजागर हो रहे हैं.
ईओडब्लू में एडीजी रहे मुकेश गुप्ता की सरपस्ती में रेखा नायर ने करोड़ों की संपत्ति जुटाई और जैसे ही गुप्ता पर गाज गिरी तो सारा मामला खुल कर सामने आ गया है.
रेखा नायर की रायपुर व केरला में करीब 3 करोड़ रुपए की संपत्ति का पता ईओडब्ल्यू को चला है. ईडब्ल्यू ने इस मामले में दस्तावेज जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
बता दें कि नान घोटाला मामले की जांच कर रहे तब के ईओडब्ल्यू प्रमुख मुकेश गुप्ता के खिलाफ फोन टैपिंग मामले में जांच टीम को महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं.
बताया जा रहा है कि रेखा नायर ही फोन टैपिंग मशीन को आपरेट करती थीं और जितने बड़े लोगों और रसूखदारों के फोन टैपिंग होती थी, उसकी सारी जानकारी मुकेश गुप्ता तक पहुंचाती थीं.
ईओडब्ल्यू में काम के दौरान रेखा नायर की संपत्ति बेहिसाब बढ़ी है और केरल में उसके खाते में बड़ी बड़ी रकम का ट्रांजेक्शन भी हुआ है.
बहरहाल ईओडबल्यू इस मामले की जांच में जुट गई है. बता दें कि साल 2015 में नान घोटाला मामला सामने आया था. इसमें करीब 36 हजार करोड़ रुपये का घोटाला होने का अंदेशा है. प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद इस मामले में नए सिरे से जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है.
बिल्डर भी चपेट में
रेखा नायर की अनुपातहिन संपत्ति के मामले में राजधानी के एक बिल्डर की भी भूमिका सामने आई है. सड्डू स्थित वीआईपी सिटी के बिल्डर राकेश पांडे द्वारा रेखा नायर के खाते में बड़ी रकम का लेन देन किया गया है. ये लेन देन कई बार हुआ है.
इसे देखते हुए ईओडब्लू राकेश पांडे पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में है. अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि उन्हें जल्द ही नोटिस भेजा जाएगा.
दूसरी ओर रेखा नायर के खिलाफ जांच संभाल रहे आईपीएस दीपक झा कहते हैं, कानून अपना काम कर रहा है. अनुपातहिन संपत्ति पाई गई है या पाई जाएगी तो उस मामले में कार्रवाई जरुर होगी.