छत्तीसगढ़ के संस्कृति विभाग ने उक्त कहावत को लगता है सिरे से स्वीकार कर लिया है. तभी तो वर्ष 2015 से 2018 तक हुए राज्योत्सव में प्रदेश के भीतर व बाहर के कलाकारों में हुए भुगतान के अंतर को देखकर समझा जा सकता है. प्रदेश के कलाकारों को इस अवधि में एक करोड़ दस लाख रूपए ही भुगतान हुआ था. जबकि प्रदेश के बाहर के कलाकारों पर तीन करोड़ सैतालिस लाख रूपए आंख मुंदकर फूंक दिए गए थे. यह जानकारी प्रदेश के बजट सत्र में निकलकर सामने आई है. सवाल था कांग्रेसी विधायक अरूण वोरा का. संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू ने वोरा के अलावा कांग्रेस विधायक दलेश्वर साहू के एक सवाल के जवाब में बताया कि वर्ष 2016 से 18 जनवरी 2019 तक 4989 कार्यक्रम कराए गए. इस पर 46 करोड़ 76 लाख 76 हजार 786 रूपए का भुगतान किया गया.