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रायपुर.
प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिए गए. आदिवासियों पर लगे आरोपों की जांच के लिए एक आयोग बनाने जा रही है. इस आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त हुए न्यायमूर्ति एके पटनायक कर सकते हैं.
दरअसल प्रदेश में काफी समय से यह आरोप लगते रहा है कि नक्सलियों से लड़ाई के नाम पर आदिवासी प्रभावित हो रहे हैं. उन्हें गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया जा रहा है.
इस मुद्दे को कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए जोरशोर से उठाया था. अब जबकि कांग्रेस की सरकार प्रदेश में पन्द्रह साल से काबिज भाजपा को हटाकर आ गई है तो इस विषय पर भी जांच कराने की तैयारी चल रही है.
सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति दी
इसके लिए जो आयोग बनेगा उसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति एके पटनायक करेंगे. इसकी उन्होंने सैद्धांतिक रूप से स्वीकृति दे दी है.
सरकार से जुड़े सूत्र बताते हैं कि आयोग एक समिति का भी गठन करेगा. यह समिति प्रदेश में पत्रकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को मजबूत करने के लिए एक रपट तैयार करेगी.
आयोग स्थानीय पत्रकारों, वकील, पुलिस और समाजसेवियों से भी रायशुमारी करेगी. यह पैनल एक अन्य सेवानिवृत्त न्यायाधीश आफताब आलम की अध्यक्षता में गठित हो सकती है. यह पैनल भी सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एके पटनायक की अध्यक्षता में काम करेगा.